शिव विवाह पर झूम उठे श्रद्धालु
वाराणसी आज जिस घर मे सत्संग होगा उस घर मे हमेशा खुशहाली रहेगी और जहाँ कुत्संग होगा वहाँ दुःख दरिद्रता बनी रहेगी। बिना रामकृपा के सत्संग संभव नही है और सत्संग होगा तभी व्यक्ति में विवेक आएगा और वह धर्म अधर्म के बीच का अंतर समझ पाएगा। उक्त उद्गार प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पं. श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने श्री काशी सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में महमूरगंज स्थित शुभम लॉन में चल रही दस दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन मंगलवार को व्यक्त किये। गोलोकवासी परमेश्वर लाल धानुका की स्मृति में आयोजित कथा में बालव्यास ने कहा कि रामकथा हमे यह सिखलाती है कि अपने माता पिता को करोड़ो रूपये की मणि मोतियों की माला नही बल्कि उत्तम चरित्र की माला पहनाओ जो उन्हें हमेशा गर्वित रखे। राम लखन भरत शत्रुघ्न चारों भाई उत्तम चरित्र के सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
बालव्यास ने कहा कि कथा श्रवण करने का लाभ तभी है जब बाहर की दुनिया ने भी हमें प्रभु के दर्शन होते रहे। जिन्हें प्रभु की लीला पर शंका होती है समझ लो कि प्रभु उसे स्वयं से दूर करना चाहते है। कथा प्रसंग में बालव्यास ने शिव विवाह का अत्यंत मनमोहक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जिसका कोई नही है उसके विश्वनाथ जी है। शिव विवाह में यह परिलक्षित होता है सारे भूत पिसाच सुर असुर नर नारी किन्नर सब महादेव की भक्ति में लीन होकर अपने आराध्य के विवाह का आनन्द लेते है। शिव विवाह के मौके पर बम बम बोल रहा काशी की धुन पर कथा प्रांगण में उपस्थित सभी भक्त मंत्रमुग्ध होकर झूमते रहे। शिव पार्वती विवाह की भव्य झाँकी भी सजाई गई।
व्यासपीठ का हुआ पूजन कथा का शुभारंभ प्रभु श्रीराम की प्रतिमा के पूजन अर्चन से हुआ। इसके पश्चात यजमान धानुका परिवार द्वारा व्यासपीठ का पूजन किया गया। गणपत राय धानुका किरण धानुका गौरीशंकर धानुका वर्षा धानुका आदि ने किया।
अंत मे आरती हुई जिसमें मुख्य रूप से दीपक बजाज श्याम बजाज अवधेश खेमका राजेश तुलस्यान प्रदीप केजरीवाल सुरेश तुलस्यान संजय कानोडिया अमित भावसिंहका मनीष गिनोडिया कृष्ण कुमार काबरा शिवम बाजोरिया आदि शामिल रहे। मंच संचालन महेश चौधरी ने किया।