काशी विद्यापीठ में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में गुरुवार को “मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा)” के अंतर्गत स्नातक उत्तीर्ण युवाओं को अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में समाज के बदलते परिप्रेक्ष्य तथा राष्ट्र की आवश्यकता को सम्मिलित करते हुए पाठ्यक्रम संरचना पर जोर दिया गया है। व्यक्तिव विकास हेतु शिक्षा, उद्यमिता एवं आचार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय एवं औद्योगिक प्रतिष्ठान तथा गैर सरकारी संस्थाओं में समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए।
शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड उत्तरी क्षेत्र के सहायक निदेशक विवेक कुमार ने कहा कि स्नातक उपाधि प्राप्त छात्र पांच वर्ष के अंदर मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर अप्रेंटिस कर सकते हैं, जिसके मासिक स्टाइपेंड का 50 प्रतिशत संस्था और 50 प्रतिशत शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड द्वारा भुगतान किया जाएगा। यह अप्रेंटिस विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, स्वास्थ्य केन्द्र, ऐसे गैर सरकारी संस्थान जहां तीस से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां सम्पन्न होगा।
नोडल अधिकारी प्रो. रमाकान्त सिंह ने मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के उद्देश्य एवं एन.ई.पी. के अंतर्गत स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए नवीन पाठ्यक्रम संरचना के क्रियान्वयन हेतु दिशा निर्देश पर प्रकाश डाला। स्वागत प्रो. शेफाली वर्मा ठकराल एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रतिभा सिंह ने किया। इस अवसर पर छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो. राजेश मिश्र, मानविकी संकाय अध्यक्ष प्रो. अनुराग कुमार, डॉ. रमेश चंद्र यादव, डॉ. विनय कुमार सिंह, प्रो. उमेश कुमार सिंह, प्रो. राजीव कुमार सहित महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे।