स्थानीय समुदायों के कल्याण को सुनिश्चित करने और उनके लिए स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने के प्रयास में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के तत्वावधान में रांची में कौशल विकास संबंधी कई पहलों का लॉन्च किया, जिनका उद्देश्य क्षेत्र में महिलाओं और युवाओं के सशक्तीकरण को सुनिश्चित करना है। ये प्रोग्राम कौशल एवं उद्यमिता को बढ़ावा देकर और आर्थिक अवसर उत्पन्न कर समुदाय के समग्र विकास में योगदान देने के लिए पेश किए गए हैं। लॉन्च के अवसर पर श्री जयंत चौधरी, माननीय राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और श्री संजय सेठ, माननीय राज्य मंत्री, रक्षा मंत्रालय मौजूद रहे।
इस अवसर पर जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने कहा, ‘‘विश्वकर्मा जयंती और हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी के जन्म दिवस के पावन अवसर पर हम इन प्रोग्रामों का लॉन्च कर रहे हैं, जो कौशल एवं उद्यमिता के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। आज लॉन्च किए गए प्रोग्राम न सिर्फ कौशल विकास प्रोग्राम हैं, बल्कि ये सशक्तीकरण, आत्मनिर्भरता और सामाजिक-आर्थिक बदलाव का मार्ग भी हैं। महिलाओं को मिलेट फूड प्रोसेसिंग, बैम्बू हैण्डीक्राफ्ट में अपस्किल कर और ‘रानी मिस्त्री’ की क्षमता को पहचान कर हम समुदायों में मौजूद अवसरों का लाभ उठाना चाहते हैं। हमारे ये प्रयास उद्यमिता की भावना को विकसित कर आर्थिक स्वतन्त्रता को बढ़ावा देने में योगदान देंगे। ये प्रोग्राम समावेशन और स्थायी विकास को गति प्रदान करने के देश के लक्ष्यों के अनुरूप हैं, जो इनोवेशन एवं परम्परा के संयोजन के साथ कौशल को नया आयाम देने और लोकल को ग्लोबल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’
इस अवसर पर संजय सेठ, माननीय राज्य मंत्री, रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘झारखण्ड में समृद्ध आदिवासी धरोहर के साथ मिलेट-आधारित आहार की परम्परा लम्बे समय से चली आ रही है। यहां का उष्णकटिबंधीय जलवायु मिलेट (ज्वार, बाजरा आदि) के उत्पादन के लिए अनुकूल है, इसके अलावा यहां कच्चा माल भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसके चलते मिलेट पर आधारित उद्योगों का संचालन आसान हो जाता है। इन प्रोग्रामों के माध्यम से कौशल विकास मंत्रालय न सिर्फ महिलाओं को मिलेट फूड प्रोसेसिंग में अपस्किल करना चाहता है, बल्कि आधुनिकीकरण के साथ-साथ पारम्परिक ज्ञान को बरक़रार रखने में भी योगदान देना चाहता है। बैम्बू हैण्डीक्राफ्ट हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहे हैं, जो अब आदिवासी महिलाओं के लिए स्थायी आजीविका का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। ऐसे में एमएसडीई के सहयोग से ये प्रोग्राम झारखण्ड के लोगों और पर्यावरण की प्राकृतिक क्षमता का लाभ उठाकर क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करेंगे तथा स्थानीय कौशल एवं संसाधनों का सदुपयोग कर आर्थिक आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करेंगे।’’
जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्राय और संजय सेठ, राज्य मंत्री, रक्षा मंत्रालय ने रांची में कौशल रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह विशेष बस राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की पहल है जो मोबाइल क्लासरूम में आधुनिक उपकरणों, सुविधाओं एवं प्रशिक्षित ट्रेनर्स के माध्यम से व्यवहारिक प्रशिक्षण को सुलभ बनाती है। इन बसों में डिजिटल साक्षरत, वित्तीय साक्षरता, रीटेल और उद्यमिता कौशल जैसे विषयों पर विभिन्न प्रशिक्षण प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे।