वाराणसी: डर्बीशायर क्लब वाराणसी के तत्वावधान में आज स्वर सम्राट किशोर दा की 37वीं पुण्य तिथि के अवसर पर क्लब अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर के नेतृत्व में पितरकुण्डा के पवित्र कुण्ड पर मछलियों को चारा खिलाकर श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर श्रीशकील ने कहा कि किशोरदा का जन्म 4 अगस्त 1929 में खण्डवा मध्य प्रदेश में हुआ था। मदमस्त आवाज के जादूगर किशोरदा के दिल को छू जाने वाले गीत गाता रहे मेरा दिल शोखियों में घोला जाय फूलों का शबाब मेरे सपनों की रानी कब आयेगी तू एक चतुर नार बडी होशियार मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद का टुकड़ा रहता है जिन्दगी का सफर है ये कैसा सफर जिन्दगी के सफर में गुजर जाते है जो मकाम जिन्दगी एक सफर है सुहाना यहां कल क्या हो किसने जाना मजिलें अपनी जगह हे रास्ते अपनी जगह जिसे सुनकर श्रोता अपने आपको भूल जाते थे ऐसे गायक शायद सदियों में ही जन्म लेते हैं। शकील ने कहा कि किशोरवा को बेहतरीन गीतों के लिये अनगिनत पुरस्कारों से नवाजा गया। आगे कहा कि मरने की दुआयें क्यूं मांगू जीने की तमन्ना कौन करें से अपने कैरियर की शुरूआत करने वाले किशोरदा ने भी अपने फिल्मी जीवन में काफी संघर्ष किए तभी वो लीजेण्ड गायक के तौर पर स्थापिठ हुए। शकील ने कहा कि किशोरदा सफल अभिनेता डायरेक्टर पटकथा गीतकार के तौर पर भी काफी लोकप्रिय रहे उनकी चलती का नाम गाडी बढ़ती का नाम दाढ़ी दूर गमन की छांव में अपने बेहतरीन अभिनय से लोगों को जहां हंसाया वहीं उन्हें गमजदा भी किया। दिनांक 13.10.1987 में किशोरदा इस फन की दुनिया से फानी हो गए। अंत में शकील ने कहा किशोर कुमार जी आठ बार फिल्म फेयर अवार्ड पहले गायकर बने उन्होंने देश के कई भाषाओं में गाना गया मराठी आसामी गुजराती कन्नड़ भोजपुरी मलयालम उड़िया हुआ उर्दू।
कार्यक्रम में मुख्यरूप से प्रमोद वर्मा, हाजी असलम हैदर मौलाई चिन्तीत बनारसी आफाक हैदर शाहिन हुसैन इस्तियाक हुसैन बबलू गुप्ता शाहिद आलम जावेद हुसैन प्रदीप कुमार गुप्ता मोहम्मद अली भोलू खान राज जायसवाल राहुल जायसवाल चांद खान इत्यादि लोगो की उपस्तिथि रही।
शकील अहमद जादूगर के नेतृत्व में पितरकुण्डा के पवित्र कुण्ड पर मछलियों को चारा खिलाकर श्रद्धांजलि दी गई
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