वाराणसी: श्री अग्रसेन कन्या पी. जी. कॉलेज , बुलानाला/ परमानंदपुर, वाराणसी में महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि के साथ हुआ। तत्पश्चात महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन को तेने कहिए’ एवं ‘रघुपति राघव राजा राम’ की प्रस्तुति संगीत विभाग की प्रवक्ता डॉ. अपर्णा शुक्ला एवं छात्रा आस्था श्रीवास्तव द्वारा दी गई। कार्यक्रम की विषय स्थापना करते हुए गांधी अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. आकाश ने कहा कि महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री एक युगदृष्टा एवं युगपुरुष थे । देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले उन महापुरुषों की दृष्टि पूर्ण समावेशी विकास की थी । इसीलिए सरकार द्वारा उनकी जयंती के अवसर पर सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘स्वच्छता अभियान’ चलाया गया और और इस वर्ष की थीम भी है ‘स्वच्छता ही सेवा है’। गांधी जी के अहिंसावादी विचारों को सम्मान देने के लिए ही संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2007 में आज के दिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. मिथिलेश सिंह ने कहा कि आज का दिवस उन दो महापुरुषों को नमन करने का दिन है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया । एक महापुरुष ने जहां हमें सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया वही दूसरे महापुरुष ने सशक्त राष्ट्र का निर्माण करने की प्रेरणा हमें दी। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी द्वारा दिए गए ‘जय जवान जय किसान’ का नारा हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। यह वो दो स्तंभ है जो आज भी देश के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना सन 1965 में थे। वास्तुन दोनों महापुरुषों के आदर्शों एवं विचारधाराओं को आत्मसात करके राष्ट्रीय विकास में अपना योगदान देना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। छात्राओं द्वारा भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए गए । कार्यक्रम का संचालन डॉ धनंजय सहाय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ बंदनी ने किया।रेंजर्स एवं एनसीसी की छात्राओं ने महाविद्यालय परिसर में साफ -सफाई करके स्वच्छता का संदेश दिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
बुलानाला परिसर में भी कार्यक्रम का प्रारंभ महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो सुमन मिश्रा ने दोनों महापुरुषों के व्यक्तित्व व योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों के विचारों एवं सिद्धांतों को आत्मसात करने की आवश्यकता है,उनके पदचिन्हों पर चले तो हम अवश्य सफल होंगे। दोनो विभूतियों ने अपने लिए नहीं दूसरों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने जो कार्य किया वह पूरे मानवता के लिए अनुकरणीय है। हम उनके आदर्शों को आत्मसात करे यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। छात्राओं द्वारा रघुपति राघव राजा राम एवं वैष्णव जन पीर पराई प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ विनीत पांडे एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ वेणु वनिता द्वारा की गई। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्रवक्तागण ,कर्मचारी एवं छात्राएं उपस्थित रही।