Varanasi: “बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी” में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की वैकेंसी 2023 और इंटरव्यू 15-16 मार्च 2024 में चयन के संबंध में अकादमिक और वर्ग भेदभाव किया जा रहा है। …डॉ0 मुकेश कुमार मालवीय वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय विधि संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ0 मुकेश कुमार मालवीय द्वारा एक प्रेस वार्ता कर अपने साथ बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी” में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की वैकेंसी 2023 और इंटरव्यू 15-16 मार्च 2024 में मेरे साथ चयन के संबंध में अकादमिक और वर्ग भेदभाव की बात कही डॉ मालवीय ने पत्रकारों से बताया मुझे बहुत दुःख है कि मैं बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी का पार्ट हूँ पूरी योग्यता होने के बाबजूद भी 2020 में प्रोफेसर पद के लिए स्क्रूटनी में सिंगल एलिजिबल कैंडिडेट के नाम पर मेरे साथ अन्याय करते हुए मेरा इंटरव्यू नही लिया गया था जबकि विधि संकाय को छोड़ अन्य विभागों में लिया गया था। मगर 2024 इस बार तो हद हो गई ओबीसी वर्ग विशेष की विधि विषय की 3 पोस्ट थी। 01 पोस्ट प्रोफेसर, और 02 पोस्ट एशोसिएट प्रोफेसर। प्रोफेसर के लिए 3 लोगो ने दिनांक 15 को एकेडमिक रिकार्ड का प्रजेंटेशन और और 16 मार्च 2024 इंटरव्यू दिया था 15-16 मार्च 2024 को मैंने एशोसिएट और प्रोफेसर पोस्ट का प्रेजेंटेशन और इंटरव्यू दिया और मेरे साथ अकादमिक भेदभावपूर्ण अन्याय और वर्ग युक्त अन्याय किया गया। मेरी योग्यता के साथ बहुत अन्याय हुआ। प्रश्न पारदर्शिता से लेकर योग्यता-भेदभाव और मुझे एकेडेमिक रूप से पीछे ढकेलने तक का है। इन्होंने मेरे साथ विधिक अन्याय किया है। जो कि भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की बगिया में और मेरे कार्यक्षेत्र में ही घटित हुआ जो कि बहुत दुःखद घटना है। साथ ही आरक्षित वर्ग की सीट को NFS कर पूर्ण योग्यताधारी और निपुर्ण व्यक्ति को अनदेखा किया गया। जो न्याय संगत नही है। मैँ इस घटना से घोर सदमें में हूँ। जिससे मेरा जीवन-आत्मा आसन्न संकट में है। मेरे साथ न्याय किया जाये। इस इंटरव्यू को निरस्त कर वीडियो से इंटरव्यू कराया जाये ताकी पारदर्शिता रहे ऐसी मेरी मांग है।
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ0 मुकेश कुमार मालवीय ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी” में अकादमिक और वर्ग भेदभाव का लगाया आरोप
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