मानवाधिकार की रक्षा के लिए आगे आयें लाॅ पेशेवर: प्रो० सी. पी. उपाध्याय
नवप्रवेशी लॉ के विद्यार्थियों में दिखा गजब का उत्साह
वाराणसी: एस.एम.एस लाॅ कालेज में दो दिवसीय ओरिएंटेश कार्यक्रम की शुरूआत हुई । इस अवसर पर उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के विधि संकाय के प्रमुख एवं डीन प्रो. सी. पी. उपाध्याय उपस्थित थे । प्रो. उपाध्याय ने कहा कि लॉ की पढ़ाई करने का निर्णय एक ऐसा निर्णय है जो व्यापक अवसरों, जिम्मेदारियों और न्याय की खोज के लिए आजीवन प्रतिबद्धता के द्वार खोलता है। लॉ विषय की व्याख्या करते हुए प्रो उपाध्याय ने कहा कि कानूनी शिक्षा केवल कानून और केस लॉ को समझने के बारे में नहीं है, बल्कि आलोचनात्मक सोच, विश्लेषणात्मक कौशल और नैतिकता की गहरी समझ विकसित करने के बारे में भी है। विद्यार्थियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए प्रो0 उपाध्याय ने कहा कि आज की दुनिया में, वकील केवल पेशेवर नहीं हैं जो अदालतों में बहस करते हैं, वे नीति निर्माता और लोकतंत्र व मानवाधिकारों के रक्षक भी हैं। उन्होंने नवप्रवेशी विद्यार्थियों से आह्वान किया कि लॉ के विद्यार्थी के रूप में कानून के अध्ययन को केवल एक अकादमिक प्रयास के रूप में नहीं बल्कि समाज में न्याय और निष्पक्षता को बनाए रखने में अपना योगदान देने के लिए भी प्रयासरत रहें। कानूनी पेशा सिर्फ एक करियर नहीं है यह एक जिम्मेदारी है। मेहनती, नैतिक और प्रतिबद्ध बनें, और आपको न केवल सफलता मिलेगी बल्कि समाज में सार्थक योगदान भी मिलेगा।
उद्घाटन सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि विजय कुमार विश्वकर्मा, एडीजे, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, वाराणसी उपस्थित रहे । उन्होने कहा कि नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है कि जैसे ही आप लॉ जैसे विधिक विषय में पढ़ाई करते हुए अपने करियर की शुरुआत करते हैं तो याद रखें न्याय, निष्पक्षता और समानता जैसे मूल्य इस क्षेत्र में आपके अहम् अस्त्र होंगे। भावी लॉ पेशेवरों से अपील करते हुए एडीजे विश्वकर्मा ने कहा कि आने वाले वर्षों में आप न केवल कानून के सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे, बल्कि यह भी समझेंगे कि उन्हें वास्तविक तौर पर कैसे लागू किया जाए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में नवप्रवेशियों को अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य वंचितों को निःशुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना भी कि न्याय सभी के लिए सुलभ हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य के कानूनी पेशेवरों के रूप में, आप कानून और आम लोगों के बीच की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
उद्घाटन सत्र में प्रो.पी.एन. झा, निदेशक, एस.एम.एस., वाराणसी ने एस.एम.एस. लॉ कॉलेज के ओरिएंटेशन कार्यक्रम के अवसर पर नव प्रवेशित विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कोर्स निश्चित ही उनके करियर की योजनाओं में मील का पत्थर साबित होगा। एस.एम.एस. लॉ कॉलेज के माध्यम से एस.एम.एस. वाराणसी की विरासत को आगे बढ़ाने का आश्वासन देते हुए प्रो0 झा ने कहा कि विद्यार्थी शिक्षा का केंद्र बिंदु हैं, इसलिए उनके विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों को जानना, कानून की बारीकियों को जानना और कर्तव्य का पालन करना ही सजग प्रहरी की पहचान है। एस.एम.एस. लॉ कॉलेज निःसंदेह हर पहलू को पूरा करने के लिए समर्पित है।
उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत एस एम एस लाॅ कालेज के प्राचार्य डाॅ प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. उपासना वली ने और धन्यवाद ज्ञापन डाॅ आश्रया दूबे, असिस्टेंट प्रोफेसर ने दिया।
इस अवसर पर एस.एम.एस., वाराणसी के अधिशासी सचिव डॉ. एम. पी. सिंह, निदेशक प्रो. पी. एन. झा, कुलसचिव श्री संजय गुप्ता, एस.एम.एस. लाॅ कालेज के प्राचार्य डाॅ0 पी. के. श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में नवप्रवेशी विद्यार्थी उपस्थित रहे।