वाराणसी: सनबीम विमेंस कॉलेज वरुणा के प्रांगण में किशोरावस्था स्वास्थ्य एंडोमेट्रियोसिस और उससे आगे विषय पर एक सेशन आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि वाराणसी के सुप्रसिद्ध महिला डॉ. सुधा सिंह निदेशक शुभम हॉस्पिटल डॉ. नीलम ओहरी निदेशक न्यू लाइफ हॉस्पिटल डॉ. शालिनी टंडन निदेशक टंडन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल बड़ी पियारी डॉ. मधुलिका सिंह निदेशक शिवम् हॉस्पिटल डॉ शिखा सचान प्रो.आईएमएस बीएचयू डॉ. उषा यादव फर्टिलिटी सेंटर डॉ. साक्षी अग्रवाल प्रो. आईएमएस बीएचयू डॉ. अर्चना साह निदेशक साह मैटरनिटी एवं आई हॉस्पिटल रही। सेशन का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। सनबीम समूह की वाइस चेयरपर्सन भारती मधोक डारेक्टर अमृता वर्मन सनबीम स्कूल वरुणा की प्रधानाचार्या अनुपमा मिश्रा एवम् सनबीम विमेंस कॉलेज वरुणा की प्रशासनिक अधिकारी डॉ शालिनी सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस सेशन में डॉ शालिनी टंडन ने किशोरावस्था की समस्या पर बात करते हुए बताया कि आज पीसीओडी बहुत ही सामान्य सी समस्या हो गईं हैं इससे घबराने की आवश्यक्ता नहीं है बल्कि अपने खानपान को संतुलित और पौष्टिक करने के साथ साथ अपने दिनचर्या में बदलाव की आवश्यक्ता है। समस्या गंभीर होने पर आप डॉक्टर से सलाह लेकर उसका इलाज भी करा सकती है। डॉ शिखा सचान में किशोरावस्था की समस्या पर चर्चा करते हुए कहा कि इस उम्र में कुछ समस्याएं होती है जिसका कारण हार्मोनल चेंजेस है जैसे पीसीओएस समस्या से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर गंभीर असर पड़ता है। अत: समय रहते इसका इलाज करना लेना चाहिए इसे अनदेखा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।डॉ. नीलम ओहरी डॉ. उषा यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाएं आज अपनी समस्या पर खुल के बात करने लगी है और जागरूक भी हुई है लेकिन इस जागरूकता की अलख को और आगे तक लेकर जाना है ताकि किसी भी नारी का जीवन स्वास्थ्य समस्या के कारण बर्बाद न हो। डॉ मधुलिका सिंह डॉ. साक्षी अग्रवाल ने बताया कि महिलाओं के स्वास्थ्य को कई कारक प्रभावित करते हैं जैसे कि गर्भावस्था मासिक धर्म रजोनिवृत्ति तनाव जीवनशैली मानसिक स्वास्थ्य अत:तन के साथ साथ मन को भी स्वस्थ रखने की आवश्यकता है।
किशोरावस्था स्वास्थ्य एंडोमेट्रियोसिस और उससे आगे विषय पर वरुणा कॉलेज में आयोजित किया गया सेशन
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