Varanasi: पिछले तीन माह से गुमशुदा नाबालिग किशोरी ‘ खुशी पाल ‘ के मामले में महिला संगठनों ने जिला मुख्यालय पर मार्च निकालकर प्रतिरोध जताया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर कार्यवाही की माँग की।
पुलिस की लेटलतीफ कार्यवाही से क्षुब्ध दख़ल और ऐपवा सङ्गठन ने मार्च और सभा के बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन पत्र सौंपा और कार्यवाही की मांग करी।
शास्त्री घाट पर सभा आयोजित की गई जिसमें खुशी पाल के लापता होने के मामले में न्याय की मांग की गई। सभा में वक्ताओं ने खुशी पाल के मामले में पुलिस प्रशासन की लापरवाही की निंदा की और तत्काल कार्यवाही करने की मांग की।
वक्ताओं ने कहा कि खुशी पाल का लापता होना एक गंभीर मामला है और पुलिस प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लाखों बच्चे लापता होते हैं। २०२२ में कुल ३,९५,४४९ बच्चे लापता हुए, जिनमें से केवल ३४.४% बच्चों को वापस लाया जा सका। यह आंकड़े बताते हैं कि बच्चों के लापता होने का मामला एक गंभीर समस्या है जिसे तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
सभा के बाद एक मार्च निकाला गया जिसमें भाग लेने वालों ने खुशी पाल को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाने की मांग की। मार्च जिला अधिकारी के कार्यालय तक पहुंचा जहां प्रधानमंत्री के नाम पर एक ज्ञापन पत्र सौंपा गया।
ज्ञापन पत्र में मांग की गई कि:
- खुशी पाल को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जाए।
- पुलिस प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और तत्काल कार्यवाही करे।
- सीबीआई जांच के आदेश दिए जाएं ताकि मामले की गहराई से जांच हो सके।
- खुशी पाल के परिवार को सुरक्षा और समर्थन प्रदान किया जाए।
वक्ताओं ने कहा कि खुशी पाल गत 12 अप्रैल 2024 से लापता हैं। हीलाहवाली के बीच किसी तरह FIR दर्ज हुई है। लेकिन अगस्त माह आ गया अब तक कोई कार्यवाही नही हो रही है। खुशी पिछले 3 माह से कन्हा है किस हालात में है ये सोच के घबड़ाहट होती है। पुलिस प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। खुशी पाल को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाने के लिए तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए।
डीएम कमिश्नर पुलिस अधिकारियों के दरवाजे से हम निराश हैं। परिजन चिंतित है और लगभग बेउम्मीद है। इस स्थिति में शासन में बैठे लोगों की जिम्मेदारी है कि वे दख़ल दें और अधिकारियों को समुचित कार्यवाही करने का दबाव दें। जिले की पुलिस प्रणाली से हम नाउम्मीद है और सीबीआई जांच की माँग करते हैं। कमिश्नर के द्वारा एडीसीपी.. टी सर्ववरण को उच्च स्तरीय जांच का आदेश सौपा गया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से इंदु पांडे, नीति, मैत्री, पूनम, जागृति राही,नंदलाल मास्टर, सोनी, अनीता, रेनू, सपना, महेंद्र, दीक्षा, सना,अनुज,अश्वनी, धनशिला, चिंतामणि जी, स्मिता, डॉ नूर, मुन्ना राय, एडवोकेट प्रेम प्रकाश, फातमा, सुनीता, सोनी, नैना, विभा, सुतपा, प्रेम,अनूप, इप्शिता, आशना, काजल, जगन्नाथ कुशवाहा, छेदी लाल , नीरज, धनंजय, सुनिधि, बनारस के तमाम छात्र छात्राएं, संगठन दखल, NSUI, JAC, एपवा, सांझा संस्कृति मंच, हमसफर, लोक चेतना समिति, लोक समिति, मनरेगा मजदूर यूनियन, आयशा इत्यादि शामिल रहे।

