Close Menu
Voice India News
  • होम
  • अंतराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • वाराणसी
  • राज्य
    • उत्तरप्रदेश
    • उत्तराखंड
    • दिल्ली
    • बिहार
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • पूर्वांचल
  • खेल
  • शिक्षा
  • फोटो गैलरी
  • लोकसभा चुनाव 2024
What's Hot

सरस्वती कॉलेज ऑफ फार्मेसी में स्पार्क सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन

Saturday, 8 November 2025, 18:08 IST

वाराणसी में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली महोत्सव, अमर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि , उनकी पत्नियों को “भगीरथ शौर्य सम्मान” एवं 1-1 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया

Thursday, 6 November 2025, 15:38 IST

सरस्वती इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड हॉस्पिटल यंगस्टर्स में हार्ट अटैक विषय पर स्वास्थ्य जागरूकता अभियान का आयोजन

Tuesday, 4 November 2025, 16:34 IST
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram
Voice India NewsVoice India News
Contact Us
  • होम
  • अंतराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • वाराणसी
  • राज्य
    • उत्तरप्रदेश
    • उत्तराखंड
    • दिल्ली
    • बिहार
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • पूर्वांचल
  • खेल
  • शिक्षा
  • फोटो गैलरी
  • लोकसभा चुनाव 2024
Voice India News
Home » गुरुकुल के गुरु-शिष्य की परंपरा की मिसाल है गोरक्षपीठ
वाराणसी

गुरुकुल के गुरु-शिष्य की परंपरा की मिसाल है गोरक्षपीठ

adminBy adminThursday, 5 September 2024, 13:23 ISTNo Comments5 Mins Read
Facebook Twitter WhatsApp LinkedIn Telegram Pinterest Tumblr Reddit Email
Share
Facebook WhatsApp Twitter LinkedIn Pinterest Email Copy Link

शिक्षक दिवस पर विशेष

लखनऊ। आज शिक्षक दिवस है। भारत में इस दिवस का आयोजन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर किया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन एक प्रसिद्ध शिक्षक के साथ दार्शनिक भी थे। इस दिन देश विभिन्न आयोजनों के जरिये अपने शिक्षकों/ गुरुजनों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करता है। खासकर स्कूलों और संस्थानों में उत्सव और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

भारतीय ऋषिकुल की गुरुकुल परंपरा में गुरु-शिष्य का रिश्ता
सामान्य तौर पर माना जाता है कि शिक्षक वह है जो अपने शिष्यों को पाठ्यक्रमों के अनुसार किताबी ज्ञान देता है। पर, गुरुकुल की भारतीय परंपरा में शिक्षक अपने शिष्य को सिर्फ ज्ञानवान ही नहीं, संस्कारवान भी बनाता है। जरूरी होने पर शास्त्र के साथ शस्त्र की भी शिक्षा देता है। अगर शिष्य इस शिक्षा में अपने गुरु से भी आगे निकल जाता है गुरु को अपने शिष्य पर गौरव होता है।
भारतीय इतिहास ऐसे उदाहरणों भरे पड़े हैं। शुरुआत भगवान श्रीराम से करें। ऋषि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को ऋषियों के यज्ञ को असुरों से सुरक्षित करने ले गए थे। भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने आसानी से यज्ञ में विघ्न डालने आए असुरों का सेना सहित संहार कर दिया। उस प्रसंग का जिक्र करते हुए तुलसीदास ने रामचरितमानस में लिखा है ,”तब रिषि निज नाथहि जियँ चीन्ही। बिद्यानिधि कहुँ बिद्या दीन्ही।” इसके पहले के प्रसंग में भी तुलसीदास लिखते हैं, “गुरु गृह गए पढन रघुराई, अल्पकाल विद्या सब आई।” महाभारत काल में महान धनुर्धर गुरु द्रोणाचार्य ने भी अर्जुन के लिए यही किया। एकलव्य तो द्रोण को मानस गुरु मानकर महान धनुर्धर बन गया।
अपने जमाने के सबसे ताकतवर मुगल सम्राट औरंगजेब के दांत खट्टे करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु समर्थ रामदास ने ही उनको सामर्थ्य और साहस दिया। बालक नरेंद्र को स्वामी विवेकानन्द बनाने वाले उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ही थे। ये भारतीय गुरुकुल के गुरु शिष्य परंपरा के कुछ श्रेष्ठतम उदाहरण हैं।

इतिहास में विरल है गोरक्षपीठ की गुरु-शिष्य परंपरा
करीब 100 वर्षों के इतिहास को देखा जाय तो गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ की गुरु-शिष्य परंपरा भी कुछ इसी तरह की श्रेष्ठतम परंपरा है। लगातार तीन पीढ़ियों (ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ, ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और पीठ के वर्तमान पीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) तक गुरु-शिष्य की ऐसी पर शानदार परंपरा इतिहास में विरल है।

हर पीढ़ी ने एक दूसरे की गुरुता को बढ़ाया
गुरु-शिष्य का ऐसा रिश्ता जिसमें दोनों का एक दूसरे पर अटूट भरोसा रहा है। दोनों ने अपने अपने समय में एक दूसरे की गुरुता को बढ़ाकर पूरे देश में उसे गौरवान्वित किया है। गोरक्षपीठ की ये परंपरा अब अब भी जारी है। अपने पूज्य गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ (बड़े महाराज) के ब्रह्मलीन होने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कुछ जगहों पर इस रिश्ते के बारे में खुद कहा।

मसलन 15 सितंबर 2014। दिन मंगलवार। स्थान गोरखपुर। ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के बारे में महाराणा शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में भावुक होते हुए गोरक्षपीठ पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने जो दो संस्मरण सुनाए वे यूं हैं –

अब तुम मेरा भार उठा सकते हो

‘एक बार रूटीन चिकित्सकीय जांच के बाद दिल्ली में बड़े महाराज एक भक्त के घर गए। वहां वे कुछ देर के लिए बेहोश हो गए। इस दौरान मैंने उनको उठाकर कुर्सी पर बिठा दिया। होश आने पर पूछा मेरा वजन कितना है। मैंने बताया, 70-71 किग्रा। बेहद आत्मीय आवाज में बोले, लगता है कि अब तुम मेरा भार उठा सकते हो।’

अब जो पूछना है इनसे ही पूछो
‘मेदांता अस्पताल में याददाश्त परीक्षण के दौरान डाक्टरों ने पूछा कि आप किस पर सर्वाधिक भरोसा करते हैं। उनकी नजरें मुझ पर टिक गईं। चिकित्सकों से कहे अब जो पूछना हो इनसे ही पूछो।’

ये संस्मरण अगर एक गुरु का अपने शिष्य पर भरोसे की हद है तो शिष्य के लिए उससे बढ़कर चुनौती और फर्ज। उनके सपनों का अपना बनाने और उसे आगे ले जाने की। योगी जी के अनुसार, यदा-कदा हममें कुछ मुुद्दों पर मतभेद भी होते थे। वे बुलाकर पूरी बात सुनते थे, अंतिम निर्णय उनका ही होता था। गुरुदेव जिन संस्थाओं के अध्यक्ष थे, उनके कामों में मैं दखल नहीं देता था। ब्रह्मलीन होने के दो साल पहले जब उम्रजनित वजहों से उनकी सेहत अधिक खराब होने लगी। वह अपेक्षाकृत भूलने भी अधिक लगे। तब मैंने गुरुदेव से अनुरोध किया था कि किसी कागज पर दस्तखत करने के पूर्व संबंधित से यह जरूर पूछें कि मैंने उसे देखा है कि नहीं? इसके बाद संस्था के लोगों से भी मैंने कहा कि उनके हस्ताक्षर के पूर्व के हर कागज मुझे जरूर दिखाएं। यह बात उनको हरदम याद रही। इसके बाद जो भी कागज दस्तखत के लिए जाता था, ले जाने वाले से जरूर पूछते थे छोटे महराज ने देख लिया? संतुष्ट हैं? संबंधित के हामी भरने के बाद ही वह उस पर हस्ताक्षर करते थे।

हर सितंबर में गुरु-शिष्य के रिश्ते की मिसाल बनती है गोरक्षपीठ
सितंबर में करीब आधी सदी से गुरु और शिष्य के बेमिसाल रिश्ते की नजीर बनती है गोरक्षपीठ। इस माह यह पीठ करीब हफ्ते भर तक अपनी ऋषि परंपरा में गुरु-शिष्य के जिस रिश्ते का जिक्र है, उसे जीवंत करती है। दरअसल सितंबर में ही गोरक्षपीठाधीश्वर रहे ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि पड़ती है। इस दौरान देश के जाने-माने कथा मर्मज्ञ रामायण या श्रीमद्भगवत गीता का यहां के लोगों को रसपान कराते हैं। शाम को किसी ज्वलंत मुद्दे पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होती है। अंतिम दो दिन क्रमशः ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को संत समाज, धर्माचार्य और विद्वतजन श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

Views: 190
latest news news up voice india news
Share. Facebook Twitter WhatsApp Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram Email
Previous Articleसपा ने लोक निर्माण विभाग से धंसी सड़क जल्द दुरूस्त कराए जाने की मांग
Next Article प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस मयंक चौबे व प्रदेश महासचिव अनुभव राय बनाये गये सोनभद्र जनपद के प्रभारी

Related Posts

सरस्वती कॉलेज ऑफ फार्मेसी में स्पार्क सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन

Saturday, 8 November 2025, 18:08 IST

वाराणसी में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली महोत्सव, अमर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि , उनकी पत्नियों को “भगीरथ शौर्य सम्मान” एवं 1-1 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया

Thursday, 6 November 2025, 15:38 IST

सरस्वती इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड हॉस्पिटल यंगस्टर्स में हार्ट अटैक विषय पर स्वास्थ्य जागरूकता अभियान का आयोजन

Tuesday, 4 November 2025, 16:34 IST
Add A Comment
Leave A Reply Cancel Reply

Top Posts

बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ प्रयागराज ने मनाया 2 वर्षों की उत्कृष्ट यात्रा का जश्न

Saturday, 11 October 2025, 19:30 IST1 Min Read

सरस्वती ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की वाइस चेयरपर्सन राम्या रामचन्द्रन को मिला स्वास्थ्य चिकित्सीय उत्कृष्टता व समाजसेवी सम्मान

Saturday, 27 September 2025, 20:09 IST4 Mins Read

प्रयागराज: प्रयागराज आने पर आज पांचो लोगों ने मीडिया से रूबरू होकर अपने आने वाले गाने के बारे में बताया

Saturday, 13 September 2025, 19:29 IST2 Mins Read

Subscribe to Updates

Get the latest sports news from SportsSite about soccer, football and tennis.

Advertisement
Demo

Our Head Office → Flat No - 287, New Colony, Tilampur, Ashapur, Sarnath, Varanasi, 221007, Ph No - 9219824500, Mail us - manishupadhyaybhu@gmail.com

Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
Top Insights

सरस्वती कॉलेज ऑफ फार्मेसी में स्पार्क सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन

Saturday, 8 November 2025, 18:08 IST

वाराणसी में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली महोत्सव, अमर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि , उनकी पत्नियों को “भगीरथ शौर्य सम्मान” एवं 1-1 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया

Thursday, 6 November 2025, 15:38 IST

सरस्वती इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड हॉस्पिटल यंगस्टर्स में हार्ट अटैक विषय पर स्वास्थ्य जागरूकता अभियान का आयोजन

Tuesday, 4 November 2025, 16:34 IST
Get Informed

Subscribe to Updates

Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

© 2025 Voice India News. Designed by Hoodaa.
  • होम
  • अंतराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • वाराणसी
  • राज्य
    • उत्तरप्रदेश
    • उत्तराखंड
    • दिल्ली
    • बिहार
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • पूर्वांचल
  • खेल
  • शिक्षा
  • फोटो गैलरी
  • लोकसभा चुनाव 2024

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.