वाराणसी भाद्रपद की अष्टमी तिथि पर घरों और मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मे तो वहीं घरों में नन्हे मुन्ने बच्चे कान्हा और राधा के रूप में सजे। बांसुरी लिए कहीं कान्हा खिलखिलाए तो कहीं नन्ही राधा मुस्कुराईं। उनके सांवले और सलोने रूप ने हर किसी को मोह लिया। इसी तरह कान्हा का रूप धारण किए 6 माह की पीहू और राधा बनी शुभी दोनों बच्चों ने सभी का मन जीत लिया और सभी को खुश कर दिया कान्हा की नन्ही किलकारियां सभी को मोहित कर रही थी|
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