वाराणसी। बाबा विश्वनाथ को चढ़ाए गए फूलों की खुश्बू अब देश-दुनिया में पहुंचेगी। इन फूलों से हर्बल गुलाल, सिंदूर और अगरबत्ती बनेगी। नेशनल रिसर्च बोटेनिकल इंस्टीट्यूट की टीम इसमें सहयोग करेगी। अन्यों मंदिरों में चढ़े फूलों से भी उत्पाद तैयार किए जाएंगे। काशी के 500 मंदिरों से रोजाना 100 टन फूल इकट्ठा होते हैं।
एनबीआरआई की टीम काशी आ रही है। टीम काशी के प्रमुख मंदिरों का भ्रमण कर सकती है। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वार्ता हो चुकी है। श्री काशी विश्वनाथ धाम से रोजाना करीब छह टन और छोटे-बड़े मंदिरों को मिलाकर रोजाना करीब 100 टन फूल इकट्ठा होता है। इनसे एनबीआरआई अगरबत्ती, हर्बल गुलाल और लिक्विड सिंह तैयार करेगी।
गंगा में फेंके गए निर्माल्य का भी प्रयोग खाद बनाने के लिए किया जाएगा। कमिश्नर ने बताया कि इस होली पर बाबा विश्वनाथ को जो गुलाल लगाया गया था, उसे एनबीआरआई ने ही तैयार किया था।