वाराणसी। श्रीराम सहकारी समिति लिमिटेड की ओर निर्मित लंका क्षेत्र की रोहित नगर व रमापुरी कालोनी में दो प्लाट पर अवैध रूप से कब्जा किए जाने का आरोप दो परिवारों पर लगा है। समिति के पदाधिकारियों की मानें तो दोनों परिवार निर्माण के दौरान मजदूरी का काम करते थे। उन्हें काम के दौरान अस्थाई तौर पर रहने के लिए प्लाट दिया गया था, लेकिन उन्होंने वहां टीन शेड लगाकर कब्जा जमा लिया। प्लाट खाली करने के लिए तैयार नहीं है। इसके लिए समिति से पैसे भी ले चुके हैं। अब कालोनी के लोगों के साथ गालीगलौज करने के साथ ही धमकी भी दे रहे हैं।
श्रीराम सहकारी समिति के अध्यक्ष सभाजीत सिंह का आरोप है कि कालोनी के निर्माण के दौरान वंशी नाम का मजदूर काम करता था। उसने समिति से निवेदन कर खाली प्लाट में अस्थाई तौर पर रहने की अनुमति ले ली। इसी बीच वह अपने परिवार के साथ अस्थाई तौर पर रहना शुरू कर दिया। वंशी की मौत के बाद उसके पुत्र मुनीब और रामाश्रय भी समिति से निवेदन कर अस्थायी रूप से खाली प्लाट में रहने लगे। इसी बीच मुनीब और उसकी पत्नी ने खाली प्लाट में टीन शेड आदि लगा लिया। कोविड के बाद समिति की ओर से प्लाट खाली करने के लिए कहा गया तो उसने इनकार कर दिया। वहीं मारपीट पर आमादा हो गया और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगा।
समिति की ओर से मुनीब समेत आठ लोगों के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद प्लाट खाली करने के लिए आपसी इकरारनामा हुआ। इसमें दोनों परिवारों के कहने पर 14-14 लाख रुपये उनके खाते में भेजा गया। इसके बाद भी प्लाट खाली नहीं किया। उसके बाद कहने लगे कि हमारा मकान बन रहा है, जब बनकर तैयार हो जाएगा तो चले जाएंगे। पहले जाएंगे तो उन्हें किराये के घर में रहना होगा। इस पर समिति से दो-दो माह का 18-18 हजार रुपये किराया भी लिया। इसके बाद भी प्लाट खाली नहीं किया। वहीं सोशल मीडिया के जरिये समिति और प्रशासन पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।