वाराणसी: बनारस के दालमंडी इलाके में लगातार करवाई जा रही है. वाराणसी नगर निगम ने 151 मकान को बकाया टैक्स का भुगतान करने का नोटिस दिया तो विकास प्राधिकरण ने 12 मकान को बिना नक्शा पास हुए बनाए जाने की वजह से अवैध घोषित कर दिया.
अब वाराणसी विकास प्राधिकरण बनारस की इस सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक और होलसेल की मंडी में बेसमेंट पर चाबुक चलाने जा रहा है. वाराणसी विकास प्राधिकरण के सर्वे में दर्जनों ऐसी बिल्डिंग मिली हैं, जिनके बेसमेंट का उपयोग कॉमर्शियल तरीके से किया जा रहा है और सुरक्षा मानक भी ताक पर हैं. ऐसे में अब इन बिल्डिंग पर भी कार्रवाई की तैयारी है.
इस बारे में वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा का कहना है कि कॉमर्शियल तरीके से बेसमेंट के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है और कार्रवाई लगातार होती रही है. दालमंडी को लेकर भी सर्वे की करवाई जा रही है और लगातार बेसमेंट की जांच की जा रही है.
जो भी अवैध होंगे उन पर कार्रवाई होगी. फिलहाल वाराणसी विकास प्राधिकरण के सर्वे में पहले ही 12 मकान का वह घोषित किया गया है और इन्हें खाली करने का भी नोटिस दिया गया है. इन सबके बीच 2018 में बंशीधर कतरे के अंदर 20 फीट का बेसमेंट मिलने के बाद इसे सील किया गया था.
तब से दालमंडी में बेसमेंट को लेकर कार्रवाई की जा रही थी. अब चौड़ीकरण जब शुरू होने जा रहा है तो 8 ऐसी दुकानें चिह्नित हुई हैं जहां बेसमेंट में दुकानें बनी हुई हैं और उनके कागजात भी पूरे नहीं हैं. वीडीए ने जब इन कागजातों को जमा होने के बाद जांच शुरू की है तो यह बातें सामने आई हैं.
फिलहाल वाराणसी विकास प्राधिकरण अब ऐसी बिल्डिंग पर भी एक्शन की तैयारी में है और उनके बेसमेंट को सील करने की तैयारी की जा रही है. पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि वाराणसी के चौक खाना क्षेत्र में बने अस्थाई कैंप कार्यालय पर अब तक 40 लोगों ने अपने कागजात जमा किए हैं. जिनमें से तीन लोगों की रजिस्ट्री हुई है और जल्द ही इनकी दुकान और मकान को भी गिराने की कार्रवाई शुरू होगी.
अभी सिर्फ एक मकान की रजिस्ट्री के बाद उसे गिराया गया था. फिलहाल वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 187 मकान को चौड़ीकरण के लिए मुआवजे की लिस्ट में शामिल किया है. जिनमें से 12 अवैध घोषित हुए हैं और अब कार्रवाई तेज होने के साथ ही बनारस में दाल मंडी को लेकर अलग-अलग विभागों की कार्रवाई भी जल्द शुरू होने जा रही है.

