वाराणसी, 22 अगस्त 2025: बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, वाराणसी ने आज अपनी तीसरी वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश में आधुनिक फर्टिलिटी उपचार को मरीजों तक पहुँचाने की अपनी यात्रा को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ वाराणसी की सेंटर हेड एवं कंसल्टेंट डॉ. दीपिका मिश्रा ने मीडिया को संबोधित किया और केंद्र की प्रगति, भविष्य की योजनाओं और फर्टिलिटी संबंधी बढ़ती जागरूकता पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. दीपिका मिश्रा ने कहा, “हमने इस अस्पताल में तीन साल पूरे किए हैं और अब इसे आगे ले जाना चाहते हैं। हमारा विज़न है कि वाराणसी में ही सभी आधुनिक सुविधाएँ एक ही छत के नीचे उपलब्ध हों, ताकि मरीजों को विशेष उपचार के लिए दिल्ली या मुंबई न जाना पड़े। टाइम-लैप्स मशीन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से, जिससे भ्रूण के विकास को रियल-टाइम में देखा जा सकता है, हम फर्टिलिटी ट्रीटमेंट को न केवल अधिक प्रभावी बल्कि सुविधाजनक और पारदर्शी भी बनाना चाहते हैं।”

डॉ. मिश्रा ने फर्टिलिटी से जुड़ी चुनौतियों और उपचार में बदलते रुझानों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पहले यह माना जाता था कि 35 वर्ष की आयु के बाद ही लोग आईवीएफ का सहारा लेते हैं, लेकिन अब 25–28 वर्ष की उम्र के अधिक दंपति इलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि इनफर्टिलिटी अब केवल महिलाओं तक सीमित समस्या नहीं है—आज पुरुष और महिला दोनों में इनफर्टिलिटी का अनुपात 50:50 हो गया है, जबकि करीब एक दशक पहले यह 60:40 था।
इनफर्टिलिटी के कारणों पर बात करते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा, “पर्यावरण प्रदूषण, तनाव, अनियमित नींद, खराब खान-पान, जंक फूड का सेवन और धूम्रपान जैसी आदतें प्रजनन स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं। बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ में हमारा समग्र (होलिस्टिक) दृष्टिकोण केवल चिकित्सीय उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि हम मनोवैज्ञानिक और जीवनशैली परामर्श भी प्रदान करते हैं ताकि परिणाम बेहतर हो सकें।”
पिछले तीन वर्षों में बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, वाराणसी ने क्षेत्रभर में जागरूकता शिविर और कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिनका उद्देश्य लोगों को बांझपन, उसके कारणों और उपलब्ध समाधान के बारे में शिक्षित करना है। केंद्र का उद्देश्य अपनी पहुँच को और बढ़ाना है, ताकि उच्च गुणवत्ता वाली, सुलभ और किफायती प्रजनन सेवाएँ हर ज़रूरतमंद तक पहुँच सकें।