मछली शहर सीट से बीपी सरोज बनाम प्रिया सरोज का मुकाबला तय हो गया। यह लड़ाई तब और दिलचस्प हो जाएगी जब बीएसपी की सोशल इंजीनियरिंग से कोई जाति समीकरण पर खरा उतरने वाल कैंडिडेट सामने आएगा।
फिलहाल पूर्व सांसद तूफानी सरोज की बेटी प्रिया के बीजेपी के बीपी सरोज ‘बीपी’ जरूर बढ़ा दिया है।
मछली शहर लोकसभा सीट के बारे में जानें
मछलीशहर लोकसभा सीट से कभी यूपी के पूर्व सीएम श्रीपति मिश्र, राम विलास वेदांती, स्वामी चिन्मयानंद, सीएन सिंह सरीखे नेता लोकसभा पहुंचे थे। पिछले 2 चुनावों में इस सीट पर भाजपा को जीत मिल रही है। साल 2019 में भाजपा के बीपी सरोज को महज 181 वोट से जीत मिली थी। जिसकी चर्चा देश भर में हुई।
इस बार भी भाजपा ने बीपी सरोज को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं रविवार को सपा ने सभी को चौंकाते हुए मछलीशहर के पूर्व सांसद और मौजूदा केराकत विधानसभा से सपा के विधायक तूफानी सरोज की बेटी प्रिया सरोज को मैदान में उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।
प्रिया सरोज के मैदान में आने से चुनाव हुआ दिलचस्प
प्रिया सरोज एक कद्वावर राजनीतिक परिवार से हैं और उनके पिता सपा के टिकट पर लगातार तीन बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 13 वीं और 14 लोकसभा के लिए सैदपुर सीट से सांसद चुने गए थे और परसीमन के बाग 15वीं लोकसभा के लिए मछलीशहर सीट से सांसद बने।
पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े त्रिभुवन राम का जनाधार मछलीशहर लोकसभा इलाके में कम होने के कारण भी उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी। ऐसे में अब प्रिया सरोज के आने से यहां लड़ाई कांटे की मानी जाने लगी है।
प्रिया को उतारने के पीछे सपा की रणनीति
- युवा चेहरे को मौका देकर आधी आबादी में प्रभाव बनाने की कोशिश
- राजिनीतिक परिवार से होने के कारण बड़ी पहचान
- पिता तूफानी सरोज के विधायक होने से लाभ की संभावना
- सुरक्षित सीट होने के कारण पार्टी के कैडर वोट के साथ रहने की उम्मीद
- मछलीशहर लोकसभा में आने वाली विधानसभा सीटों पर सपा का खासा प्रभाव
मछलीशहर लोकभा सीट का जातीय समीकरण देखें तो
अनुसूचित जाति की आबादी2,48,005, यादव 2,01,867, सामान्य जाति के 2,42,164, कायस्थ- 91,452 मुस्लिम आबादी की संख्या 89,322 है।
प्रिया सरोज को लाकर सपा ने लड़ाई को रोचक बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस सीट पर दलित वोटर्स की खासा प्रभाव है। साथ ही खास मछलीशहर विधानसभा की सीट सपा के पास है। ऐसे में सपा प्रत्याशी को उसका भी फायदा मिल सकता है।
पुराने सपाई होने के कारण तूफानी सरोज की वजह से पुराने नेता भी सपा की तरफ मूव कर सकते हैं। ऐसे में इस सीट की लड़ाई को सपा ने काफी टफ बना दिया है।क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि मौर्य कुशवाहा वोट भी अगर सपा की उम्मीद के मुताबिक मिले तो लड़ाई रोचक होगी।
हालांकि भाजपा के उम्मीदवार बीपी सरोज ने 2019 की लड़ाई को देखते हुए क्षेत्र में समय दिया था। ऐसे में मछलीशहर में उनकी तैयारी को भी कम नहीं आंका जा सकता। लेकिन सपा ने मजबूत उम्मीदवार दिया है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।