Varanasi: श्री अग्रसेन कन्या पी .जी. कॉलेज ,वाराणसी में क्रीडा परिषद के तत्वावधान में ‘युवोत्सव एक्सपीरियंसिंग वूमेन पावर’ विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती एवं महाराज अग्रसेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन से हुआ।संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा सरस्वती गीत, कुलगीत एवं स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में अतिथि राजेश जगेशिया, इंटरनेशनल टीचर द आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन, रमेश चंद्र अग्रवाल अपेक्स मेंटर ,ट्रस्टी द आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन, मधु शेखर बाजपेई,स्टेट को-ऑर्डिनेटर द आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन, करण गर्ग अपेक्स मेंटर, रोहित रंजन, इंटरनेशनल टीचर द आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन, नेहा पारिख, एस प्लस टीचर, आराध्या बाजपेई ,को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम द्वारा सम्मानित किया गया। प्राचार्य प्रोफेसर मिथिलेश सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मेडिटेशन सबसे सशक्त माध्यम है तनाव प्रबंधन के लिए। मेडिटेशन से आत्मविश्वास को प्राप्त किया जा सकता है और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। राजेश जगेशिया ने कहा कि ध्यान स्वयं को केंद्रित करने और दिनभर की थकान को दूर करने का सबसे सरल उपाय है।तनाव से मुक्त होने में मेडिटेशन सहयोग करता है और द आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।नेहा पारिख जी ने कहा कि व्यक्ति को अपनी भावनाओं को व्यवस्थित करना आवश्यक है और मन व शरीर को संतुलित करके तनाव से मुक्त हो सकते हैं। श्री रोहित रंजन ने सुदर्शन क्रिया के विषय में बताते हुए कहा कि ध्यान ही मार्ग है अपनी भावनाओं को स्थिर रखने का इस समय विचारों और भावनाओं के साथ व्यक्ति एक हो जाते हैं ।ध्यान करने से मन को काबू किया जा सकता है और इससे तनाव दूर होता है। कार्यक्रम का सफल संचालन क्रीडा परिषद सचिव डॉ नंदनी पटेल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रो आभा सक्सेना, प्रो आकाश, डॉ आभा श्रीवास्तव, मीनाक्षी मधुर, डॉ साधना यादव, श्रद्धा वर्मा, डॉ जेपी शर्मा, डॉ शुभा सक्सेना, डॉ सरला सिंह, डॉ श्रृंखला, डॉ बंदिनी, डॉ कंचनमाला, डॉ प्रिया भारती इत्यादि अनेक प्रवक्तागण तथा छात्राएं उपस्थित रही।
मेडिटेशन सबसे सशक्त माध्यम है तनाव प्रबंधन के लिए : प्रो मिथिलेश सिंह
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