वाराणसी: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ऊपर बढ़ते बलात्कार हत्या अपहरण और लूट की शर्मनाक घटनाओं के खिलाफ आगामी 24 अक्टूबर को लखनऊ में प्रदेश के कोने-कोने से महिलाएं चारबाग रेलवे स्टेशन पर एकत्र होकर विधान सभा मार्च करेंगी। उत्तरप्रदेश में बुल्डोजर नहीं संविधान की गारंटी करो।
प्रेसवार्ता को ऐपवा की प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा की राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़े बताते हैं की महिला अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश शर्मनाक ढंग से पहले नंबर पर है। उत्तर प्रदेश की लगभग प्रत्येक जिले में महिलाओं के साथ बलात्कार हत्या अपहरण की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है और इन घटनाओं में पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारों को न्याय नहीं मिल रहा है। आमतौर पर पुलिस थानों में महिला हिंसा की घटनाओं में एफआईआर तक दर्ज न की जा रही है बल्कि कई घटनाओं में तो पुलिस का रवैया पीड़िता के प्रति असंवेदनशील रहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला सशक्तिकरण की कितनी ही बार्ते कर लें लेकिन महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं यह बता रही है की यूपी में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ यूपी में बुल्डोजर से न्याय करने के लिए जाने जा रहे हैं ठोक दो की राजनीती में विश्वास करते हैं लेकिन आज तक मुख्यमंत्री यौन उत्पीड़न के आरोपी यूपी से सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लिए कोई बयान तक नहीं दे सके। जिला सचिव स्मिता बागड़े ने कहा की आईआईटी बीएचयू के बलात्कारियों को जब हाल में रिहा किया गया उनका स्वागत किया गया तब भी मुख्यमंत्री की खामोशी यह दर्शाती है की सांसद, मंत्री और रसूखदार लोग अगर यौन शोषण, बलात्कार के आरोपी होंगे तो योगी सरकार का संरक्षण मिलेगा और बुल्डोजर एवं ठोक दो की राजनीति आम जनता के लिए के लिए होगी।
कुसुम वमी ने कहा की महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए सरकार को चाहिए की सात से लेकर शहरी लक में कार्यस्थल पर यौन हिंसा के खिलाफ शिकायत कमेटी का गठन किया जाय ताकि महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित किया जा सके।
जिला सहसचिव सुजाता भट्टाचार्य ने कहा की योगी राज में महिलाए अपने ऊपर हर प्रकार की हिंसा झेल रही है। सरकार स्मार्ट परियोजनाओं के कारण गरीब महिलाओं और उनके परिवारों को शोषण और दमन झेलना पड़ रहा है, यहां तक की पीने के साफ पानी के लिए भी महिलाओं को आज भी कई किलोमीटर दूर पैदल चलना पड़ता है। बढ़ती महंगाई से गरीब महिलाएं प्राइवेट लोन लेने के लिए मजबूर कर दी जा रही है और कर्ज न चुकाने पर उनका परिवार आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। महिलाओं के लिए स्थाई रोजगार देने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं हैं जिससे वह अपनी जिंदगी को सम्मानजनक तरीके से जी सके।
मिर्जापुर की चर्चित खेत मजदूरों की राष्ट्रीय नेता जीरा भारती ने कहा की मिर्ज़ापुर की मौत जाति की संख्या बहुतायत में है लेकिन अभी तक अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र हासिल नहीं हुआ है जबकि नजदीक के सटे जिले सोनभद्र में उन्हें नियमानुसार एसटी में शामिल किया जा चुका है। ऐपवा मांग करती है की गांड जाति को मिर्जापुर में और बियार, कोल और मुसहर जातियों को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की है की सरकार से मांग करते हैं। प्रेसवार्ता में महिलाओं ने कहा की की योगी सरकार की उत्तर प्रदेश में नफरत और बुल्डोजर की राजनीति ने आग लगा दी है। बहराइच में एक युवक की हत्या और भीड दद्वारा आगजनी और निर्दोष महिलाओं और बच्चों का पलायन इसका ताजा उदाहरण है। आगामी 24 अक्टूबर को प्रदेश की राजधानी में महिलाएं अपने ऊपर हुए हर प्रकार हिंसा का विरोध करेगी और मांग करेंगी की प्रदेश को बुल्डोजर से न्याय नहीं बल्कि संविधान से न्याय की जरूरत है।
ऐपवा का विधानसभा मार्च चारबाग रेलवे स्टेशन से दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगा मार्च की अगुवाई उत्तर प्रदेश की मेहनतकश महिलाएं करेंगी। पत्रकारवार्ता में कुसुम वर्मा मिर्जापुर की महिला लीडर जीरा भारती, स्मिता बागडे सुजाता भट्टाचार्य आदि शामिल रहे।
यूपी में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के मुद्दे पर वाराणसी ऐपवा की प्रेस कांफ्रेंस हुई सम्पन्न
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