लोक संस्कृति हमारी अमूल्य धरोहर है– मुख्य अतिथि डॉ• रेखा शर्मा ।
लोक संस्कृति एवं तीज महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में इस संस्था के कुलपति की धर्मपत्नी,गणित की वरिष्ठ आचार्य/विशिष्ट विद्वान
एवं कुशल समाजसेवी डॉ रेखा शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर बतौर
मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि
“लोक संस्कृति हमारी अमूल्य धरोहर है, जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है और हमारी पहचान को मजबूत बनाती है। तीज महोत्सव एक ऐसा अवसर है, जब हम अपनी संस्कृति को जीवंत बनाते हैं और अपनी परंपराओं को पुनर्जीवित करते हैं।
डॉ शर्मा ने कहा कि मेहंदी, लोक नृत्य, लोक गीत, पारम्परिक परिधान और सौन्दर्यीकरण जैसे कार्यक्रम हमारी संस्कृति की विविधता और समृद्धि को प्रदर्शित करते हैं। ये कार्यक्रम हमें हमारी जड़ों से जोड़ते हैं और हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
हम अपनी लोक संस्कृति को संजोएं और आगे बढ़ाएं—
मैं इस अवसर पर सभी कलाकारों और प्रतिभागियों को बधाई देती हूं और उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करती हूं। आइए हम अपनी लोक संस्कृति को संजोएं और आगे बढ़ाएं, ताकि हमारी पीढ़ियां हमारी अमूल्य धरोहर को जानें और समझें।
स्वागत और अभिनंदन
मुख्य अतिथि डॉ शर्मा का संयोजक ने माल्यार्पण एवं अंग वस्त्र के स्वागत और अभिनंदन किया।
प्रतिभागियों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया–
कार्यक्रम की संयोजक एव महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रो विधु द्विवेदी ने मुख्य अतिथि का स्वागत और अभिनंदन करते हुए कहा कि यह संस्था देववाणी संस्कृत एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के आलोक में निरन्तर जुड़कर समय समय पर आध्यात्मिक,साँस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सकारात्मक कार्यक्रम आयोजित करने की शृंखला में आज कजरी, लोकगीत,फैशन शो, हरियाली: तीज से संबंधित क्विज, मेहंदी, चूडी एवं सुहाग से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन कर सभी प्रतियोगियों को उत्साहित कर विजेताओं को पुरस्कार दिया गया।
श्रुति ने कजरी के माध्यम से श्रोताओं का दिल जीता—
कजरी की प्रस्तुति डॉ श्रुति शास्वत उपाध्याय ने प्रस्तुत कर अद्भुत वातावरण का निर्माण कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
उस दौरान सुरेखा देव, स्वादता चटर्जी, आकांक्षा दीक्षित ने भी लोकगीत की प्रस्तुति कर सभी को मंत्र मुग्ध किया।