नर्स दिवस (12 मई 2024) पर विशेष
150 स्टाफ नर्स और नर्सिंग फ़ैकल्टी को कर चुके हैं प्रशिक्षित
सैंकड़ों नर्सिंग छात्र-छात्राओं व ट्रेनी सीएचओ को भी दिया प्रशिक्षण
एमडी एनएचएम यूपी के हाथों मिल चुका है प्रशस्ति पत्र
वाराणसी। “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे पूरी दुनिया को बदला जा सकता है”…. कुछ इसी सोच और जोश के साथ विवेक पचोरी ने वर्ष 2016 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित नर्सिंग महाविद्यालय में नर्सिंग मिडवाइफ ट्यूटर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था। उन्होंने शुरुआत से ही तय कर लिया था कि वह नर्सिंग क्षेत्र में रहकर स्टाफ नर्स और नर्सिंग फ़ैकल्टी को प्रशिक्षित करने के साथ ही साथ नर्सिंग छात्र-छात्राओं को भी चिकित्सीय कौशल प्रदान करेंगे।
वर्ष 2008 में विवेक ने बीएससी नर्सिंग तथा वर्ष 2013 में एमएससी नर्सिंग विशेषता पीडियाट्रिक से अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्हें एक निजी मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल इंस्ट्रक्टर (शिक्षक) की नौकरी मिल गई। उनकी मेहनत और लग्न को देखते हुये कुछ साल बाद उन्हें कॉलेज में ही असिस्टेंट लेक्चरर बना दिया गया। इस बीच उन्होंने सैंकड़ों नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को मेडिकल संबंधी विषयों पर अच्छी शिक्षा दी। साथ ही साथ स्किल लैब में प्रेक्टिकल भी सिखाए। साल 2016 में बीएचयू के नर्सिंग कॉलेज में नर्सिंग मिडवाइफरी ट्यूटर के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी संभाली। उत्तर प्रदेश शासन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के प्रयास से वर्ष 2017 मे नर्सिंग कॉलेज को स्टेट नोडल सेंटर बनाया गया। यहाँ प्रदेश की पहली स्किल लैब स्थापित हुई। इसके बाद से स्टाफ नर्स और नर्सिंग फ़ैकल्टी को प्रशिक्षित करने का क्रम शुरू हुआ जो अनवरत चल रहा है। वह स्टाफ नर्स और नर्सिंग फैकल्टी को छह सप्ताह की ट्रेनिंग प्री सर्विस एजुकेशन फॉर मिडवाइव्स, इंडक्सन ट्रेनिंग फॉर लेबर रूम स्टाफनर्स (प्रसव कक्ष), दक्ष ट्रेनिंग फॉर स्टाफ नर्स प्रोग्राम के लिए प्रशिक्षण दे चुके हैं। वह सर्टिफिकेट कोर्स ऑफ कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को लेकर उसके समन्वयक भी हैं, जिसके तहत वह 100 से अधिक सीएचओ को स्किल लैब में प्रशिक्षित कर चुके हैं। इसके साथ वह वाराणसी में मौजूद एएनएम ट्रेनिंग सेंटर को स्थापित कराने में अपना योगदान दे चुके हैं। इन सभी कार्यों को देखते हुए वर्ष 2018-19 में एमडी एनएचएम यूपी के द्वारा प्री सर्विस एजुकेशन फॉर मिडवाइव्स प्रोग्राम के अंतर्गत नर्सिंग कॉलेज बीएचयू को पुरस्कृत कर चुके हैं, जिसमें विवेक पचोरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी वह उसी जोश और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा रहे हैं।
प्रदेश में वर्ष 2022 में शुरू हुए मिशन निरामय कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम चरण में 12 मेंटर इन्स्टीट्यूशन में असेसर/मेंटोर (मूल्यांकनकर्ता) के रूप में वहाँ के स्टाफ को प्रशिक्षित कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने स्किल लैब सुविधाओं, चेकलिस्ट, क्लिनिकल के आधार पर छात्र/छात्राओ के मूल्यांकन करने पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शासन स्तर व एनएचएम यूपी के द्वारा उन्हें नर्सिंग क्षेत्र की स्टाफ नर्स इंडक्शन ट्रेनिंग, सक्षम ट्रेनिंग और दक्ष कार्यक्रम का मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। वह अब तक प्रदेश व जिला स्तरीय 150 से अधिक स्टाफ नर्स और नर्सिंग फ़ैकल्टी को प्रशिक्षित कर चुके हैं। विवेक का कहना है कि अन्य विषयों की तुलना में नवजात एवं बाल स्वास्थ्य से संबन्धित विषयों पर प्रशिक्षण देना काफी अच्छा लगता है। उन्होंने समस्त स्टाफ नर्स, नर्सिंग छात्र-छात्राओं और सीएचओ को संदेश दिया है कि मेडिकल संबंधी सभी विषयों पर ज्ञान के साथ-साथ कौशल और परीक्षण में भी निपुण होना चाहिए, तभी हम मरीज को बेहतर सेवा प्रदान कर सकते हैं।