” नमामि गंगे ने बटुकों के साथ सिंधिया घाट पर की सदानीरा की सफाई “
Varanasi: शुक्रवार को नमामि गंगे ने महर्षि योगी विद्याश्रम के वेदपाठी बटुकों के साथ सिंधिया घाट पर सदानीरा की सफाई कर स्वच्छता को संस्कार में शामिल करने का आवाह्न किया । सिंधिया घाट पर जेटी के अगल-बगल फंसी अनेकों सामग्रियों को समेटकर कर कूड़ेदान तक पहुंचाया । लाउडस्पीकर एवं स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियां से लोगों को जागरुक किया गया। पर्यटकों एवं स्थानीय नागरिकों के साथ सभी श्रद्धालुओं ने स्वच्छता की शपथ ली । नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा भारत का गौरव हैं। गंगा को माँ का दर्जा प्राप्त है। मां गंगा का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40% आबादी गंगा के जल पर निर्भर है। गंगा को उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड भी कहा गया है। उत्तर भारत को गंगा का वरदान मिला है । गंगा फसलों को सींचती हुए भू में प्राण भी भरती हैं । गंगा का बेसिन क्षेत्र विश्व के सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र के रूप में जाना जाता है । अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बहुत बड़ी मदद साबित होगा । जागरूक करते हुए बताया कि भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा जल ही नहीं, अपितु भारत और हिन्दी साहित्य की मानवीय चेतना को भी प्रवाहित करती है। ऋग्वेद, महाभारत, रामायण एवं अनेक पुराणों में गंगा को पुण्य सलिला, पाप-नाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, सरित्श्रेष्ठा एवं महानदी कहा गया है। जनभागीदारी से हम गंगा की पीड़ा को हरें। गंगा किनारे की स्वच्छता में अपना योगदान दें । आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महर्षि योगी विद्याश्रम के वेदपाठी बटुक हर्ष त्रिपाठी, भोला चौबे, सत्यम पांडेय, पवन तिवारी, ओंकार मिश्रा सम्मिलित रहे ।