26 सितम्बर को आयोजित होने वाले 42 वें दीक्षान्त समारोह के लिये मुख्यअतिथि प्रो० अनिल सहस्त्रबुद्धे अध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (NETF), अध्यक्ष, राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद् (NAAC, EC)
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय का 42 वाँ दीक्षान्त समारोह 26 सितम्बर 2024 को पूर्वाह्न 10.30 बजे ऐतिहासिक मुख्य भवन आयोजित होने जा रहा है। जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की महामहिम कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन करेंगी।
कुलपति प्रो शर्मा ने बताया कि इस उक्त दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्य अतिथि
प्रोफेसर अनिल साहस्त्रबुद्धे, एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता, ने अपना जीवन शिक्षा और सामाजिक सेवा के लिए समर्पित किया है। वर्तमान मे वे राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष, ईसी राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के अध्यक्ष, और एनबीए के अध्यक्ष हैं।
शिक्षा योग्यता
प्रोफेसर साहस्त्रबुद्धे ने अपनी शिक्षा भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर और बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग हुबली से प्राप्त की, जहां उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
सदस्यता
वे विभिन्न पेशेवर निकायों और समाजों के सदस्य हैं, जिनमें एकॉस्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, भारतीय तकनीकी शिक्षा सोसायटी, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, एएसएमई, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, और भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी शामिल हैं।
पुरस्कार
उन्हें एम्स से रवि जे मथाई राष्ट्रीय फेलोशिप पुरस्कार प्राप्त हुआ है, जो उनकी शैक्षिक और सामाजिक सेवाओं की सराहना करता है।इसके साथ ही अनेक सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
भूमिकाएँ
प्रोफेसर साहस्त्रबुद्धे ने विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाओं में कार्य किया है, जिनमें कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे के निदेशक, एआईसीटीई बोर्ड के सदस्य, और उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (एनईआरआईएसटी), ईटानगर चैप्टर के अध्यक्ष शामिल हैं।
कुलपति प्रो शर्मा ने बताया कि प्रोफेसर अनिल साहस्त्रबुद्धे एक प्रसिद्ध और सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और सामाजिक सेवा के लिए समर्पित किया है। उनकी उपलब्धियों और सदस्यताओं के साथ, वे एक सच्चे शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।