आज के उत्सव की विशेषता यह थी कि पूरा मंदिर परिसर गोकुल मय व प्रभु के जन्म की खुशहाली व बलिहारी लेते हुए व नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की गूंज से मंदिर परिसर गुंजायमान था।
दर्शन खुलने के पहले षष्ठपीठाधीश्वर गो० श्याममनोहर जी महाराज व षष्ठपीठ युवराज गो० प्रियेन्दु बावा (सपरिवार) नंदबावा व यशोदा जी को पधराकर मंदिर प्रांगण में पालना के सम्मुख विराजमान कर विनती किया। तब नंद बावा व यशोदा जी ने प्रभु को पालना झुलाया, सभी वैष्णवगण व सनातनियों ने जयकारा लगाया, इस अवसर पर सभी वैष्णव अपने पारम्परिक वेशभूषा केशरिया उपरना, तिलक लगाके प्रभु के सम्मुख होकर दर्शन का लाभ प्राप्त कर रहे थे।
इस अवसर पर सभी वैष्णवों को दही-हल्दी का प्रसाद वैष्णव पर डालकर ब्रज का भाव प्रदर्शित हो रहा था।
इस अवसर पर कीर्तन मंडली द्वारा जन्म की बधाइयों का गान वातावरण को
और भी भाव-विभोर कर रहा था।
आज के तृतीय दिवस नंद महोत्सव का उत्सव के साथ जन्माष्टमी का आनंद लेकर प्रभु के सम्मुख वैष्णव आपस में बधाईयां देकर व प्रभु की कृपा सभी वैष्णव व सनातनियों पर बनी रहे, भगवान से प्रार्थना किये।
इस अवसर पर मुकुन्द गोपाल सेवा संस्थान के सभी पदाधिकारी व सदस्यगण बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शन की व्यवस्था कर रहे थे। यह सूचना मीडिया प्रभारी अतुल शाह ने दी है।