यज्ञ से पर्यावरणीय अवस्थाएं मनोनुकूल फल पुष्प प्रदान करती हैं– कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी के वेद विभाग के यज्ञशाला में
संवत्सरव्यापी चतुर्वेद स्वाहाकार विश्वकल्याण महायज्ञ के 184 दिनों की भव्यता के साथ संपूर्ति के सम्मान में आचार्य डॉ. विजय कुमार शर्मा एवं अग्निहोत्री विद्वान डॉ. ज्ञानेन्द्र सापकोटा जी के नेतृत्व में वेद विभागीय यज्ञशाला में अनवरत चारों वेदों के पारायण का बृहद आयोजन किया गया ।
स्वाहाकार महायज्ञों में सम्पूर्ण वेद पारायण की परम्परा अनादिकाल से चली आ रही है–
जिसका शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा जी एवं विश्वविद्यालय विकास समिति के सम्मानित सदस्य उद्योगपति आर• के• चौधरी ने वेद पाठ का प्रारम्भ कराते हुए कहा कि स्वाहाकार महायज्ञों में सम्पूर्ण वेद पारायण की परम्परा अनादिकाल से चली आ रही है जिसके कारण वातावरण पवित्र होता है प्रकृति प्राणि मात्र के अनुकूल होकर सुख प्रदान करती है। पर्यावरणीय अवस्थाएं मनोनुकूल फल पुष्प प्रदान करती हैं तथा वेद मन्त्रो की पवित्र ध्वनि के श्रवण मात्र से पुण्य की वृद्धि एवं मानव जीवन में सुख समृद्धि का संचार होता है।
वर्ष पर्यन्त चलने वाले चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का आरम्भ 12 मार्च 2024–
वर्ष पर्यन्त चलने वाले चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का आरम्भ 12 मार्च 2024 को वाराणसी के अनेक उद्योगपतियों एवं गणमान्यों की उपस्थिति में हुआ था जो अद्यावधि निरन्तर चल रहा है। सम्पूर्ण भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में इस महनीय कार्यक्रम से जन-जन सुख की अनुभूति एवं प्रशंसा कर रहा है।
इस महायज्ञ अनेकों प्रसिद्ध एवं विशिष्ट जनों ने सहभाग किया है—
जोधपुर राजस्थान से शांतिदेवी विद्यापीठ के द्वारा इस महायज्ञ के 90 दिन की पूर्ति के सम्मान में पांच दिवसीय रुद्र महायज्ञ का आयोजन करवाया गया, कोलकाता के उद्योगपति द्वारा विशिष्ट महामृत्युंजय याग करवाया गया, वासन्तिक नवरात्र में शतचण्डी महायज्ञ का आयोजन किया गया। इसी प्रकार अमेरिका आदि कई देशों के वेद प्रेमियों ने भी प्रशंसा की।
इस महायज्ञ सर्वत्र चर्चा–
इस अवसर पर विश्व प्रसिद्ध आर्किटेक्ट आर•सी• जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में विश्वकल्याण के लिए अनवरत चल रहे यज्ञ की यज्ञशाला में देवताओं की सन्निधि का साक्षात अनुभव हो रहा है, विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे इस पवित्र कार्य से सम्पूर्ण देश लाभान्वित हो रहा तथा सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।
इस महायज्ञ में कोई भी सहभाग कर सकता है—
यज्ञ के संयोजक एवं आचार्य डॉ. विजय कुमार शर्मा ने बताया कि वर्ष पर्यन्त चलने इस यज्ञ में कोई भी सनातनी भाग ग्रहण कर सकता है। छह माह में अनेक श्रद्धालुओं ने इस महनीय कार्य मे अपना योगदान देकर पूण्य लाभ लिया है और भी अनेक भक्तजनों का प्रस्ताव आया हुआ है।
छह माह की निरन्तरता पर विकास समिति के सदस्यों ने हर्ष व्यक्त किया–
इस अवसर पर विश्वविद्यालय विकास समिति के सदस्यों ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा की विश्वकल्याण महायज्ञ को आरम्भ करने का संकल्प पूर्णता को प्राप्त कर रहा है।
उपस्थित ज़न–
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. हरि प्रसाद अधिकारी, प्रो. अमित कुमार शुक्ल, प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, डॉ. ज्ञानेन्द्र सापकोटा, डॉ दुर्गेश पाठक आदि सहित अनेक छात्र उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के संयोजन डॉ. ज्ञानेन्द्र सापकोटा एवं डॉ. दुर्गेश पाठक द्वारा धन्यवादा ज्ञापन किया गया।