जनपद की दस सरकारी चिकित्सा इकाईयों में 24 घंटे संचालित हैं एफ़आरयू
वर्ष 2023-24 में हुए कुल 14108 संस्थागत प्रसव, वर्ष 2022-23 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक प्रसव हुए
सीएचसी चोलापुर और जिला महिला चिकित्सालय में हुए सर्वाधिक प्रसव
शहरी सीएचसी चौकाघाट में 803 एवं सीएचसी दुर्गाकुंड में 522 डिलीवरी हुईं
वाराणसी: केस – 1 चौकाघाट निवासी 26 वर्षीय अनीता चौहान को बीते शुक्रवार की सुबह पेट का दर्द बढ़ने लगा तो उनके पति रविकांत और आशा सुमन उन्हें नज़दीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौकाघाट ले गईं। यहाँ अनीता की समस्त जांच हुई। गर्भवस्था के करीब नौ माह पूरे हो चुके थे और कोई समस्या न होने पर उनका सामान्य प्रसव हुआ। जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। रविकांत ने कहा कि यह उनका दूसरा बच्चा है और वह पूरी तरह स्वस्थ है। जन्म के 24 घंटे के अंदर सीएचसी पर उसका टीकाकरण भी हो गया है। उनका कहना है कि घर के नज़दीक सरकारी चिकित्सालय होने से उन्हें बहुत राहत मिली है। डॉक्टर और स्टाफ मरीज की अच्छी देखभाल भी करते हैं।
केस – 2
सरईया निवासी 34 वर्षीय शहनाज़ का हीमोग्लोबिन सामान्य से कम होने की वजह से सीएचसी चौकाघाट के चिकित्सक ने उन्हें और उनके पति रियाज़ को सिजेरियन प्रसव की सलाह दी। किसी प्रकार का जोखिम न हो इसलिए दंपति ने सिजेरियन प्रसव के लिए अपनी सहमति दी। बीते बृहस्पतिवार को शहनाज़ सीएचसी चौकाघाट में भर्ती हुईं और उसी दिन उन्होंने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। माँ और बच्ची दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। इससे रियाज़ भी बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों में अब बेहतर सेवाएँ मिलने लगी हैं। हमारे लिए सीएचसी चौकाघाट बहुत नजदीक है और यहाँ अच्छा इलाज होता है। सीएचसी पर ही बच्ची को जन्म पर लगने वाले सभी टीके भी लगाए गए।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जनपद के सभी 10 प्रथम संदर्भन इकाई (एफ़आरयू) अहम भूमिका निभा रहे हैं। यहाँ मौजूद चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। साथ ही प्रसव और ओटी कक्ष में तैनात चिकित्सक और स्टाफ नर्स को प्रत्येक स्तर पर दक्ष किया गया है, जिससे वह लाभार्थी को बेहतर सेवाएँ प्रदान कर सकें। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी का। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य उप केन्द्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिर या ब्लॉक व नगर स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव के लिए पहुँच रहीं गर्भवती महिलाओं को गंभीर स्थिति होने पर नज़दीक के सरकारी चिकित्सालय (एफ़आरयू) में भेजा जा रहा है। सीएमओ ने अपील की है कि यदि किसी गर्भवती महिला को कोई जटिलता है तो ऐसी स्थिति में वह नजदीकी चिकित्सा इकाई एफआरयू में स्त्री व प्रसूती रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर प्रसव संबंधी सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं।
सीएमओ ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। मातृ एवं शिशु मृत्यु का निर्धारित प्रारूप के आधार पर आकलन किया जा रहा है। इससे मृत्यु होने के कारणों के बारे में जानकारी एकत्रित कर प्रभावी रणनीति और योजना बनाई जा सके और मृत्यु दर को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में 10 एफ़आरयू 24 घंटे सातों दिन संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें सीएचसी चोलापुर (30 बेड), सीएचसी अराजीलाइन (30 बेड), सीएचसी गंगापुर (30 बेड), सीएचसी हाथी बाजार (30 बेड), शहरी सीएचसी चौकाघाट (30 बेड) एवं दुर्गाकुंड (30 बेड), जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा (180 बेड), एमसीएच विंग डीडीयू चिकित्सालय पाण्डेयपुर (50 बेड), एलबीएस चिकित्सालय रामनगर (153 बेड) एवं बीएचयू (100 बेड) शामिल है। पिछले वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक) जनपद में कुल 14,108 संस्थागत प्रसव हुए, जिसमें 7348 सामान्य और 6760 सिजेरियन प्रसव शामिल हैं। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 11902 संस्थागत प्रसव हुये थे, जिसमें 6842 सामान्य और 5060 सिजेरियन प्रसव शामिल हैं। पिछले वर्ष तुलना में इस वर्ष करीब 20 प्रतिशत अधिक संस्थागत प्रसव हुए हैं।
नोडल अधिकारी एवं डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच व देखभाल की सुविधा समस्त सरकारी चिकित्सालयों, सीएचसी, पीएचसी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर और स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर उपलब्ध है। इसके साथ ही जांच में उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) के रूप में चिन्हित हुईं महिलाओं पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाती है और काउन्सलिंग कर सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। परिवार नियोजन के लिए बेहतर परामर्श व सेवाएं भी दी जा रही हैं।
एफ़आरयू का महत्व – शहरी सीएचसी चौकाघाट की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शैला ने बताया कि फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) व्यापक प्रसूति देखभाल की सेवाएं प्रदान करती है, जिसमें सिजेरियन सेक्शन, नवजात देखभाल, बीमार बच्चों की आपातकालीन देखभाल, परिवार नियोजन सेवाओं की पूरी श्रृंखला, सुरक्षित गर्भपात सेवाएं, एसटीआई/आरटीआई का उपचार आदि की उपलब्धता और रेफरल परिवहन सेवाएं शामिल हैं। प्रसव, आपातकालीन प्रसव और नवजात देखभाल सेवाएं प्रदान करने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को एफआरयू के रूप में नामित किया गया है। एफआरयू में प्रसूति सर्जरी, एनेस्थीसिया और विशेषज्ञ बाल चिकित्सा देखभाल में प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ-साथ गर्भावस्था की अधिकांश जटिलताओं की पहचान करने और प्रबंधन करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित नर्सें भी तैनात की गईं हैं। यहाँ अपेक्षित चिकित्सा आपूर्ति आवश्यक उपकरण के साथ पूरी तरह से सुसज्जित ऑपरेशन थिएटर (ओटी), आपातकालीन व रिकवरी वार्ड और लेबर रूम (प्रसव कक्ष) है।
एक नजर जनपद के आंकड़ों पर – वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2022-23 में हुए प्रसव की उपलब्धि इस प्रकार है:-
वित्तीय वर्ष 2023-24 –
• सीएचसी अराजीलाइन – 761
• सीएचसी चोलापुर – 1506
• सीएचसी गंगापुर – 526
• सीएचसी हाथी बाजार – 643
• शहरी सीएचसी चौकाघाट – 803
• शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड – 522
• जिला महिला चिकित्सालय – 3959
• एलबीएस चिकित्सालय – 794
• एमसीएच विंग डीडीयू चिकित्सालय – 678
• बीएचयू – 3916
वित्तीय वर्ष 2022-23 –
• सीएचसी अराजीलाइन – 510
• सीएचसी चोलापुर – 1387
• सीएचसी गंगापुर – 289
• सीएचसी हाथी बाजार – 457
• शहरी सीएचसी चौकाघाट – 708
• शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड – 425
• जिला महिला चिकित्सालय – 3472
• एलबीएस चिकित्सालय – 632
• एमसीएच विंग डीडीयू चिकित्सालय – 294
• बीएचयू – 3728