हापुड़ (मनीष कुमार) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा विजयादशमी व संघ के शताब्दी वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर संघ की विभिन्न शाखाओं द्वारा विभिन्न बस्तियों में पथ संचलन का आयोजन किया गया। पथ संचलन के दौरान घोष की धुन पर स्वयंसेवकों ने परम्परागत वेशभूषा (गणवेश) में कदमताल करते हुए समाज में आर्दश जीवन और सेवा का संदेश दिया। स्वामी विवेकानन्द शाखा (इन्द्रलोक बस्ती) स्वर्गआश्रम रोड, हापुड के स्वयंसेवकों का पथ संचलन रविवार को आर्य कन्या पाठशाला डिग्री कॉलिज, स्वर्ग आश्रम रोड, से आयोजित हुआ। इससे पहले कॉलिज में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीराम के चित्र पर पुष्पार्पित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीमान दिनेश त्यागी जी (अध्यक्ष बालाजी धाम मंदिर, इन्द्रलोक कालोनी) ने सभी स्वयंसेवको को विजयदशमी व संघ शताब्दी वर्ष की बधाई दी। मुख्य वक्ता विवेक (जिलाप्रचारक,ने कहा कि प्रभु श्रीराम का जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होनें त्याग, धर्म और न्याय की रक्षा के लिए जो आर्दश स्थापित किए, वे आज भी प्रासंगिक है। उन्होनें बताया कि जैसा कि प्रभु श्रीराम ने मर्यादा में रहकर बुराई का अंत किया वैसे ही हम सभी को मिलकर समाज में फैली बुराई का अंत करना चाहिए और सदैव संगठित रहते हुए जातिवाद, भाषावाद और क्षेत्रवाद जैसी कुरितियों का अंत करना चाहिए। उन्होनें बताया कि संघ की स्थापना सभी समान विचारधाराओं वालो को एकत्रित और उन्हें संगठित करने के लिए किया गया और आज हम संघ शताब्दी वर्ष में अपने उस लक्ष्य को कितना सफल बना सके है और अभी हमें और कितनी मेहनत करना बाकी है। भारत माता की प्रार्थना के बाद पथ संचलन शुरू हुआ। जो इन्द्रलोक कालोनी, भगवानपुरी और पन्नापुरी में होते हुए वापस आर्य कन्या पाठशाला में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में तुषार, सारंग, मनोज, अर्चित, सुनील, जीवांश, आदित्य, माधव, अभय, विजय, अजय, संतोष, पवन, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा विजयादशमी व संघ के शताब्दी वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पथ संचलन का आयोजन
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