आज दिनांक 17 अप्रैल 2025 को हरिश्चंद्र महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में करियर ओरिएंटेड स्टूडेंट अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर श्रीमती अंकिता गुप्ता विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी ने अपने उद्बोधन में छात्रों को यह बताया कि अब वह समय आ गया है जिसमें छात्रों को अपने स्किल डेवलपमेंट करने होंगे ।

क्योंकि वर्तमान समय में रोजगार प्राप्त करने के लिए जो क्वालिटी होनी चाहिए उसे सीखना पड़ेगा । उन्होंने अपने उद्बोधन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जैसे टाइम मैनेजमेंट , स्किल डेवलपमेंट, अपना स्वयं का मेजरमेंट करना, अपनी प्रतिभा को निखारना, राइटिंग स्किल डेवलप करना और ग्रुप डिस्कशन पर अपना विचार विस्तार से व्यक्त किया । उन्होंने अर्थशास्त्र विषय की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए यह भी बताया कि यदि हमें रोजगार पाना है तो हमें उस योग्य बनना पड़ेगा |

कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर जगदीश सिंह ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए छात्रों के बीच में उनका परिचय कराया और अपने उद्बोधन में बताया कि छात्रों को अपने जीवन में समय का ध्यान देना पड़ेगा । टाइम मैनेजमेंट के साथ-साथ उनको यह ध्यान देना है कि हमें 24 घंटे का उपयोग विभिन्न कार्यों पर कैसे करना है क्योंकि क्योंकि समय बहुत मूल्यवान है। यदि हम समय से कार्य नहीं करेंगे, समय को नहीं पहचानेंगे तो हमें सफलता नहीं मिलेगी । जीवन में सफल होने के लिए वर्तमान समय में कड़ी मेहनत करने की जरूरत है क्योंकि दिन प्रतिदिन प्रतियोगिता बढ़ती जा रही है।

इस प्रतियोगिता में बने रहने के लिए जिस तरह के स्किल डेवलपमेंट की मार्केट में जरूरत है उस तरह का स्किल डेवलपमेंट अपने अंदर करना पड़ेगा। हमें सिर्फ पढ़ लिख कर डिग्री हासिल नहीं करनी है। हमें जो डिग्री हासिल करनी है उसके बारे में हमको विशिष्ट जानकारी रखनी पड़ेगी और बाजारोन्मुख ज्ञान जब छात्र के अंदर होगा तभी उसको मार्केट में रोजगार मिलेगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वनाथ वर्मा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि छात्रों को समूह में पढ़ने की जरूरत है। समूह में पढ़ाई करने से या कोई भी प्रोजेक्ट करने से उनको अच्छी सफलता मिलती है और उनका नॉलेज बढ़ता है। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर जगदीश सिंह विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग ने किया और धन्यवाद ज्ञापन श्री करुणेश ओझा सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र विभाग ने किया।