हापुड़ (मनीष कुमार) सम्राट अजूबा पहली बार अपना 40 सदस्यों और 4 ट्क सामान लेकर अपने काफिले के साथ आ गये हैं। रंगारंग कार्यक्रम को लेकर शहर वासियों को स्वच्छ मनोरंजन (पारिवारिक शो) दर्शकों को मंत्र मुग्ध करने के लिए। प्राचीन भारत के 64 कलाओं में सर्वश्रेष्ठ कला जादू शो आपके शहर वासियों को सर चढ़कर बोलंगा। जादूगर अजूबा का कहना है कि धन कमाना ही हमारा मकसद नहीं है बल्कि आज के समय में हमारे देशवासी अंधविश्वास में पड़े हैं क्योंकि अपने आप को तांत्रिक महात्मा बताकर भोले भाले लोगो को ठगते हैं। इस अंध विश्वास से बचें और आस-पास के लोगों को बचायें। मैं जादू के माध्यम से लोगों को जागरूक करना चाहता हूँ कि अन्य विश्वास से बचें, क्योंकि जादू शो एक स्वच्छ मनोरंजन हैं पारिवारिक शो है। भारत सरकार इस कला को राष्ट्रीय कला घोषित करके संरक्षित करें और इसे ललितकला की श्रेणी में रखा जाये। जादूगर अजूबा ने कहा कि मैं अपने 2 घण्टे के शो के दौरान जो जादू (आईटम) पेश करता हूँ। उसमें हमारा कोई न कोई सन्देश रहता है। जो मैं दर्शकों के सामने पेश करता हूँ। जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कन्या भ्रूण हत्या पाप हीं नहीं महापाप है। कन्या भ्रूण हत्या को हम सबको मिलकर बचाना है, नशा खोरी नशा से बचे और आस-पास के लांगों को बचायें, एक सुंदर समाज बनायें, सुंदर भारत का निर्माण करें। जादूगर अजूबा ने कहा कि अपने शो के दौरान काँच के बक्शे के अन्दर पानी में जिंदा रहकर मौत को चैलेंज देना आरा मशीन से लड़की के शरीर को दो टुकड़ा करना, खाली हाथों से नोटों की बरसात करना अन्य कार्यक्रम लोगो के बिच प्रस्तुत किये जायेंगे
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