संस्कृत कई भारतीय भाषाओं की जननी है और अधिकांश शब्दावली संस्कृत से ली गई है-कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा
भारत और विश्व के लिए संस्कृत कई भारतीय भाषाओं की जननी है। इनकी अधिकांश शब्दावली संस्कृत से ली गई है।
संस्कृत में भारत की साँस्कृतिक परंपरा निहित है–
कुलपति प्रो.शर्मा ने कहा कि पूरे भारत में संस्कृत के अध्ययन-अध्यापन से भारतीय भाषाओं में अधिकाधिक एकरूपता आएगी और संस्कृत महाविद्यालयों के प्राचार्य/पोषक देवभाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संकल्पित भाव से प्रतिबद्ध हैं। आज विश्वविद्यालय परिसर एवं देश भर में शास्त्री/आचार्य सेमेस्टर चल रही हैं।
संस्कृत भाषा में भारत की सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित है और इसलिए इस पर ध्यान देना स्वाभाविक है।
विश्वविद्यालय परिसर में शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ परीक्षा का दूसरा दिन—-
परीक्षा नियंत्रक प्रो.सुधाकर मिश्र ने बताया कि 2024 वर्षीय शास्त्री द्वितीय व तृतीय खण्ड, शास्त्री द्वितीय सेमेस्टर सत्र 2023-2026,शास्त्री तृतीय सेमेस्टर सत्र 2022-2025 तथा आचार्य द्वितीय सेमेस्टर सत्र 2023-2025,आचार्य चतुर्थ सेमेस्टर सत्र 2022-2024 के संस्थागत, व्यक्तिगत, भूतपूर्व, बैक/श्रेणी सुधार एवं एक विषयक परीक्षा दो पालियों में शुचिता व पारदर्शिता के साथ संचालित हो रही हैं।सभी परीक्षार्थियों ने परीक्षा में सहभाग किया..
उड़ाका दल के लोगों ने परीक्षा के शुचिता को कक्षवार किया निरीक्षण-प्रो.दिनेश कुमार गर्ग
विश्वविद्यालय परिसर की सम्पूर्ण परीक्षा सुव्यवस्थित हो उसके लिए परीक्षा के दूसरे दिन चीफ प्राक्टर प्रो.दिनेश कुमार गर्ग ने अपने सहयोगियों के साथ कक्षवार निरीक्षण किया ताकि परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता बनी रहे। सुरक्षा की दृष्टि में जिला प्रशासन का सहयोग निरन्तर प्राप्त हो रहा है।
देश भर में 343 परीक्षा केंद्रों पर 34871 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे है—
विश्वविद्यालय परिसर तथा इससे सम्बद्ध महाविद्यालयओं में कुल 34871 विद्यार्थियों ने एक साथ 343 केन्द्रों पर शांति व शुचितापूर्वक परीक्षा दे रहे है। सभी परीक्षा केंद्रों पर जिला अधिकारी के माध्यम से एल. आईं. यू. भी नजर रखी हुई हैं। किसी भी तरह की समस्या आने पर संबंधित जनपदों के जिला प्रशासन एवं परीक्षा नियंत्रण बोर्ड से सहयोग लिया जा सकता है।