सावन में शिव जी के साथ देवी पार्वती और नाग देव की पूजा के पर्व, देवी को चढ़ाएं सुहाग का सामान
आज सावन का तीसरा सोमवार है। इस सप्ताह शिव जी के साथ ही देवी पार्वती, गणेश जी और नाग देव की पूजा के व्रत-पर्व रहेंगे। 7 अगस्त के हरियाली तीज, 8 को गणेश चतुर्थी व्रत और 9 को नाग पंचमी मनाई जाएगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सावन शिव जी की विशेष पूजा करने का महीना है। वैसे तो इस महीने का हर एक दिन एक पर्व की तरह ही है, लेकिन इसकी कुछ तिथियों का महत्व काफी अधिक माना जाता है। जैसे इस महीने की अमावस्या, हरियाली तीज, नाग पंचमी और पूर्णिमा का महत्व काफी अधिक है। पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाया जाता है।
हरियाली तीज पर करें देवी पार्वती की विशेष पूजा
7 तारीख हरियाली तीज है। इस तिथि पर देवी पार्वती की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस दिन शिव जी के साथ देवी पार्वती का विशेष अभिषेक करें। प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा के बाद शिव-पार्वती का अभिषेक जल, दूध, दही, पंचामृत से करें। शिवलिंग पर चंदन का लेप करें और देवी पार्वती का सुहाग की चीजों से श्रृंगार करें। देवी को लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, कुमकुम, लाल फूल आदि चीजें चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं, आरती करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन किसी महिला को सुहाग का सामान दान करें।
गणेश चतुर्थी पर ऐसे कर सकते हैं व्रत
गणेश चतुर्थी पर सुबह गणेश पूजा में चतुर्थी व्रत करने का संकल्प लें। दिनभर निराहार रहें। भूखे रहना संभव न हो तो फलों के रस और दूध का सेवन करें। फल खाएं। गणेश जी के मंत्रों का जप करें। गणेश मंदिर में दूर्वा और नारियल चढ़ाएं।
जीवित नाग की न करें पूजा, नाग देव की प्रतिमा पूजें
नाग पंचमी (9 अगस्त) को जीवित नाग की पूजा करने से बचें। इस दिन नाग देव की प्रतिमा या तस्वीर की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर स्थापित नाग देव का अभिषेक करें। जीवित नाग को दूध नहीं पिलाना चाहिए। सांपों के लिए दूध जहर की तरह होता है। दूध नाग देव की प्रतिमा पर चढ़ाएं। इस तिथि पर उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के ऊपरी तल पर नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन करने की परंपरा है। ये मंदिर में साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर ही खुलता है।