मिलेट्स के प्रयोग से बीपी, शुगर व तनाव से मुक्ति
अहरौरा मिर्जापुर- वनस्थली महाविद्यालय सभागार में गुरुवार को दिन में 12:00 बजे वनस्थली महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर देवी प्रसाद की अध्यक्षता में स्वायत्तसासीअग्रसेन महिला पीजी कॉलेज वाराणसी की गृह विज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा 2018 में शिक्षक श्री सम्मान से सम्मानित प्रोफेसर अनीता सिंह ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते कहा कि सितंबर महीना सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में घोषित किया है जिसका तात्पर्य है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में मिलेट्स यानी मोटा अनाज को दिनचर्या में उपयोग करना आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि विश्व में 90% लोग बीपी ,शुगर एवं तनाव से ग्रसित हैं वे व्यक्ति अगर अपने दैनिक जीवन में मोटे अनाज ज्वार ,बाजरा, मक्का ,रागी, जौ का उपयोग करें तो स्वस्थ्य हो सकते हैं। वैसे तो मोटे अनाज 16 प्रकार के होते हैं। विगत वर्ष भारत में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मिलेट्स के 1200 प्रकार के रेसिपी आने वाले अतिथियों के लिए भोजन एवं नाश्ते में रखवाए थे। अपने संबोधन में कहा कि जो देश का अन्नदाता हमारे किसान भाई है वे इसे कम लागत कम पानी के उपयोग से बिना खाद के अधिक से अधिक मोटे अनाज की पैदावार कर सकते हैं । मोटे अनाज में फाइबर के साथ-साथ मक्के में विटामिन ए , रागी में कैल्शियम एवं आयरन ,बाजारा में आयरन के साथ-साथ मानसिक रूप से तनाव को कम करने की शक्ति प्रचुर मात्रा में होती है।

