वाराणसी: श्री अग्रसेन कन्या पी.जी. कॉलेज वाराणसी में साइबर क्राइम और इसकी रोकथाम’ नामक कार्यक्रम साइबर क्राइम पुलिस उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक तथा रेडियो सिटी के सहयोग से महाविद्यालय में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती तथा महाराज अग्रसेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में साइबर क्राईम सेल से श्यामलाल गुप्ता तथा पृथ्वीराज सिंह रेडियो सिटी से विजेंद्र केसरी विजय सिंह आर जे नेहा तथा उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक से सुद्धायन मजूमदार सम्मिलित हुए सभी अतिथियों का स्वागत प्राचार्य प्रोफेसर मिथिलेश सिंह एवं प्रबंधक डॉ मधु अग्रवाल ने पुष्पगुच्छ देकर किया। प्राचार्य प्रो मिथिलेश सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान परिदृश्य में साइबर क्राइम एक गंभीर विषय है जिस पर चर्चा होना आवश्यक है । साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जिसमें कंप्यूटर नेटवर्क या डिजिटल उपकरणों के किसी अन्य सेट का उपयोग करके अपराध किया जाता है। इसमें भौतिक दूरी मायने नहीं रखती। देश-विदेश में किसी भी स्थान पर बैठा व्यक्ति किसी को भी इसका शिकार बन सकता है। इसमें हैकिंग फिशिंग पहचान की चोरी तथा रैनसमवेयर इत्यादि अनेक साइबर अपराध शामिल है। इसकी रोकथाम का सबसे प्रमुख उपाय जागरूकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रबंधक डॉ मधु अग्रवाल ने कहा कि साइबर अपराध व्यक्तियों व्यवसायो और सरकारी संस्थाओं के लिए गंभीर खतरा है इसके परिणामस्वरुप न केवल वित्तीय हानि होती है बल्कि शारीरिक तथा मानसिक क्षति भी व्यक्ति को उठानी पड़ती है। इसलिए इसके प्रति जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम की अग्रिम कड़ी में उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक से आये सुद्धायन मजूमदार ने कहा कि बैंकिंग धोखाधड़ी और साइबर अपराध में घनिष्ठ संबंध है। क्योंकि वर्तमान में किसी भी व्यक्ति के बैंक खाता से पैसा निकालने में साइबर उपकरणों का अत्यधिक प्रयोग हो रहा है। इसीलिए बैंक खाता से संबंधित किसी भी जानकारी को किसी अन्य से साझा करते समय व्यक्ति को अत्यंत सचेत रहना चाहिए। इसी क्रम में श्री श्यामलाल गुप्ता साइबर पुलिस सेल ने साइबर अपराध पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहां कि साइबर क्राइम एक गंभीर अपराध है और जागरूकता ही इसका समाधान है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के अनेक प्रकार है जिसमें विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म और तकनीके शामिल हैं। वर्तमान समय में साइबर अपराध का प्रमुख माध्यम व्हाट्सएप इंस्टाग्राम और फेसबुक इत्यादि अनेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं। इसके साथ ही उन्होंने हाउस अरेस्ट जैसे साइबर अपराध की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन अपराधों की रोकथाम हेतु सबसे आवश्यक है अपने सोशल मीडिया एवं दस्तावेजों को गोपनीय एवं सुरक्षित रखना उसके लिए आवश्यक है व्यक्ति का जागरूक होना। इसके साथ ही उन्होंने महिला सहायता केंद्र एवं साइबर सहायता केंद्र इत्यादि के कार्यों से भी सभी को अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सरला सिंह तथा आरजे नेहा ने किया। कार्यक्रम में अनेक प्रवक्तागण तथा छात्राएं उपस्थित रही।
साइबर क्राइम एक गंभीर अपराध जागरूकता ही इसका समाधान- श्यामलाल गुप्ता
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