वाराणसी: पिछले एक माह से उनका पी जी आई लखनऊ में ईलाज चल रहा था । उनकी अवस्था 82 साल की थी।
वे बहुत धार्मिक व्यक्ति थे। धर्म के ऊपर आस्था होने के कारण जब भारत वर्ष में 1978 में साधु संतो को विदेशो से आयातित बेहतरीन क्वालिटी की रुद्राक्ष की मालाए नही मिल रही थी तब भारत साधु समाज के तत्कालीन चेयरमैन स्वामी हरिनारायननंद ने कुमार भट्टाचार्य जी को विदेशो से रुद्राक्ष की मालाएं आयातित करने को कहा और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से मिलवाकर रुद्राक्ष की मालाओं को विदेशों से आयातीत करने का भारत मे एक मात्र लाइसेंस दिलवाया क्योकि उस समय विदेशो से रुद्राक्ष की मालाएं आयातित करना प्रतिबन्धित था। रुद्राक्ष की मालाएं जब कुमार भट्टाचार्य द्वारा भारतवर्ष में आयातित की गई तब दुर्लभ एक मुखी रुद्राक्ष उनके द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भेंट किया गया।
काफी समय के उपरांत उनके द्वारा जूट की फैक्टरी रामनगर औद्योगिक क्षेत्र फेज 1 में लगाई गई।
रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन के अध्य्क्ष देव भट्टाचार्य के पिता कुमार भट्टाचार्य का निधन एसजी पीजीआई लखनऊ में हृदय गति रूकने से हुआ
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