वाराणसी: सामाजिक सुधार एवं बंधुत्व एकता अखंडता पर हर मासिक विचार गोष्ठी मुत्ताहिदा उलमा कौंसिल बनारस की तरफ से आयोजन में मुफ्ती ए शहर अब्दुल बातिन ने कहा कि मुस्लिम समाज में फैली बुराइयों से दूर हो कर अपने और अपने बच्चों खासकर लड़कियों के शिक्षा संस्कार का खास ख्याल रखना होगा उन्हें एक आधुनिक समाज का नवनिर्माण करने की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा अधुनिकता का कतई यह मतलब ना निकाला जाएं की मुसलमान पश्चिम सभ्यता का समर्थक है इस्लाम में औरतों को जो आज़ादी प्रदान किया है हम सब को उस पर नतमस्तक होना चाहिए।
मौलाना ज़्याउररहमान ज़याई ने कहा आधुनिकता वो होना चाहिए जिसका हुक्म हमें इस्लाम में मिलता है आधुनिकता के नाम पर बेशर्मी, बेहयाई और पश्चिमी सभ्यता की पोशाकें रहन सहन खान पान और आचरण का त्याग कर अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रूप से व्यवहार और आचरण में लाना होगा मस्जिद पक्का महाल सरैया में आयोजित गोष्ठी में उन्होंने कहा एकता के तहत अपने आप को एकजुट होकर इस्लाम के बताए हुए रास्ते पर चलने की कोशिश करना चाहिए
मौलाना इश्तियाक अली साहब ने सामाजिक कुरीतियों पर चिंतन मनन करने की बात कही। मुसलमानों से आपसी मतभेदों को खत्म कर एक दूसरे को गले लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा हमें एकजुट होकर न सिर्फ अपने अंदर बदलाव लाना चाहिए बल्कि एक दूसरे से कंधा मिलाकर समाज और मुल्क में एक मिसाल कायम करने की कोशिश करना चाहिए।
मौलाना उज़ैर सल्फ़ी साहब* ने क़ौसिल के आरम्भिक काल में जिस उद्देश्य से इसका गठन हुआ था उस परिक्षेत्र में कौंसिल को काम करने की कोशिश करना चाहिए। आज समाज में जिस तरह से कुछ असमाजिक तत्वों की छिटपुट घटनाएं देखने सुनने को मिलती रहती है,जो हमारे देश समाज को भ्रमित कर गुमराह करने की कोशिश कर रहे है उन्हे मुंह की खानी पड़ेगी बनारस की धरती से ऐसा कोई गलत संदेश देने की कोशिशें नाकाम होगी।
सदारत करते हुए मुफ्ती नियाज़ अहमद क़ासमी ने देश की एकता अखंडता संप्रभुता और बंधुत्व पर बल देते हुए कहा कि हमारे समाज में नफ़रत चीनी के शीरे पर बैठे मैल के मानिंद है जिसे साफ़ करने की आवश्यकता है। देश की पूरी आबादी को साथ मिलकर और लेकर कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा। अंत में जलसा सद्र मुफ्ती नियाज़ अहमद क़ासमी साहब ने दुआ कर समापन किया!
क़ौसिल के संयोजक ने सभी धर्म गुरुओं अतिथियों कमेटी के साथियों का स्वागत किया।
विशेष रूप से मस्जिद कमेटी के जनाब सरफुद्दीन साहब फैसल एक़बाल ज़हीर व अन्य साथियों का जिनके योगदान से आयोजन सफल हुआ।
क़ौसिल तहेदिल से शुक्रिया अदा करतीं है।
जामा मस्जिद पक्का महाल सरैया में मुत्ताहिदा उलमा कौंसिल बनारस की तरफ से आयोजित गोष्ठी
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