वाराणसी सहित पूर्वांचल में अब अच्छी खासी ठंड ने दस्तक दे दी है. सुबह और शाम के वक्त लोग गर्म कपड़ों के साथ-साथ ठंड से बचाव के हर संभव उपाय अपनाते हुए भी नजर आ रहे हैं.वहीं मौसम वैज्ञानिकों की माने तो बीते वर्ष की तुलना में इस बार कड़ाके की ठंड से लोगों को अनुभव करना पड़ सकता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में सुबह और शाम के समय घने कोहरे का भी प्रभाव देखा जा रहा है. इसके अलावा नवंबर अंतिम सप्ताह के बाद से ठंड और बढ़ने की पूरी संभावना जताई गई है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय से मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने एबीपी न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि अपने सामान्य प्रक्रिया के अनुसार ही वाराणसी और आसपास के जनपद में ठंड का प्रभाव देखा जा रहा है. पश्चिमी विक्षोभ का कहीं भी प्रभाव नहीं है. सुबह और शाम के समय ग्रामीण के साथ-साथ अब शहरी क्षेत्र के लोग भी अच्छे खासे ठंड का अनुभव कर रहे हैं.
पिछली बार से भी अधिक रहेगी ठंड
वहीं ग्रामीण क्षेत्र में कोहरे का भी प्रभाव है. ऐसे में इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अधिक ठंड पड़ेगी. वहीं एक्सपोर्ट ने शीतलहर और गलन को लेकर भी यह स्पष्ट किया कि अभी ठिठुरा देने वाले गलन -शीतलहर को लेकर यह कह पाना की इन दिनों से मौसम में गलन का अनुभव होगा थोड़ा मुश्किल है, लेकिन आने वाले कुछ सप्ताह में लोगों को कष्टदायक गलन और शीतलहर का भी अनुभव होगा.
लोगों को सतर्क रहना चाहिए
हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो मौसम में बदलाव के समय खासतौर पर लोगों को सतर्क रहना चाहिए. इन दिनों बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है. ठंड ने अब दस्तक दे दी है. ऐसे में सुबह और शाम के समय खासतौर पर ऊनी गर्म कपड़े ही पहनने चाहिए. ठंडा चीजों का सेवन करने से पूरी तरह परहेज चाहिए. सुबह के समय गुनगुना पानी भी स्वास्थ्य के लिए बेहद हितकारी होगा. वहीं यात्रा करते समय ठंड से बचाव के हर उपाय विशेष तौर पर अपनाने चाहिए.
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