Varanasi: श्री काशी विश्वनाथ धाम में प्रत्येक प्रदोष तिथि, मास शिवरात्रि एवं सनातन पर्व तिथियों पर आयोजित की जा रही सांस्कृतिक संध्या को और भी भव्य किए जाने की योजना बनाई जा रही है। विगत 25 एवम 26 अप्रैल को आईजीपी सभागार लखनऊ में आयोजित ग्लोबल वर्कशॉप में श्री काशी विश्वनाथ धाम में सांस्कृतिक आयोजनों के आर्थिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रभावों के संबंध में मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया था। कार्यक्रमों के सकारात्मक प्रभावों का संज्ञान लेते हुए शासन स्तर से इन आयोजनों को और भव्य बनाने पर विचार किया जा रहा है। प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य, संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम की सहमति से आज संगीत नाटक एकेडमी, उत्तर प्रदेश के निदेशक शोभित कुमार नाहर द्वारा विश्वनाथ धाम में सांस्कृतिक संध्या स्थलों का संयुक्त निरीक्षण मुख्य कार्यपालक अधिकारी, एसडीएम काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र परिषद एवं अन्य अधिकारियों के साथ किया गया। श्री नाहर द्वारा एक वर्ष में प्रस्तावित आयोजन तिथियों, मंदिर में उपलब्ध साउंड सिस्टम, वाद्य यंत्र इत्यादि का विस्तृत विवरण प्राप्त किया गया। श्री नाहर ने अवगत कराया कि शीघ्र ही इस संबंध में श्री काशी विश्वनाथ धाम की सांस्कृतिक संध्या आयोजनों को संस्थागत रूप से संगीत नाटक एकेडमी द्वारा संचालित करने का प्रस्ताव शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। अनुमोदन प्राप्त होने की दशा में आयुक्त वाराणसी मण्डल / निदेशक धर्मार्थ कार्य विभाग की सहमति से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास से औपचारिक एमओयू हस्ताक्षरित किया जाएगा। प्रस्तावित नवीन व्यवस्था में स्थानीय कलाकारों के साथ ही राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां कराई जाएंगी। धर्मार्थ कार्य एवं संस्कृति विभागों की संयुक्त पहल का उद्देश्य सनातन मंदिरों के प्राचीन काल में कला एवं संस्कृति के संरक्षण स्थल के प्रधान केंद्र होने की संकल्पना को पुनर्जीवित करना है। निरंतर सांस्कृतिक आयोजनों से धर्मकेंद्र की वाइब्रेंसी से समाज भी ऊर्जान्वित होता है तथा आस्था की शक्ति का संचार श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रूप से और भी लाभान्वित करता है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में आयोजित की जा रही सांस्कृतिक संध्या को और भी भव्य किए जाने की बनाई जा रही योजना
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