वाराणसी: इंडिया नेत्री, कैंट की पूर्व सपा प्रत्याशी और वाराणसी लोकसभा के इंडिया प्रत्याशी अजय राय की प्रस्तावक पूजा यादव ने प्रधानमंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी के काशी में नारी- वंदन आयोजन पर कहा है कि प्रधानमंत्री को चुनाव में ही नारी सम्मान की याद आई है। सच यह है कि उन्हें ऐसे आयोजनों का नैतिक हक नहीं बनता।
श्रीमती यादव ने कहा कि मोदी जी ने वाराणसी में विधायक, मेयर या अन्य कोई पद महिला को नहीं दिया और इस बार उन्हें महिला प्रस्तावक भी नहीं मिला। बीएचयू में आईआईटी छात्रा से तमंचे की नोक पर बलात्कार के अपने पार्टी पदाधिकारियों के शर्मनाक कृत्य पर काशी के सांसद के रुप में न केवल उनके मुंह से निन्दा के शब्द हेतु भी ताला लगा रहा, बल्कि उनकी पार्टी ने चिन्हित अभियुक्तों को मध्यप्रदेश चुनाव में प्रचार के लिये भेजकर बचाने की हरचंद कोशिश की। महिला के प्रति ऐसी संकीर्ण सोच के लोगों का चुनावी लाभ के लिये नारी वंदन कार्यक्रम उपहासास्पद एवं अनैतिक है।
सपा नेत्री पूजा ने एक वक्तव्य में कहा है कि नरेंद्र मोदी जी नारी के मान के प्रति कितनी संवेदना जीते हैं, उसका सच उस नामांकन पत्र से ही नंगा हो जाता है, जो इस चुनाव में उन्होंने भरा है। फेरे लिये धर्मपत्नी के नाम यशोदा बेन का उल्लेख तो निर्धारित कालम की मजबूरी में उन्होंने किया, पर उनसे जुड़ी अन्य जानकारियों के कालम में उन्होंने लिखा है 'ज्ञात नहीं'। पूरा देश जानता है कि वह शिक्षिका की नौकरी से गुजारा करती रही हैं, लेकिन उनके पति को जानकारी नहीं। है सकता है सम्बन्ध न रखने के उनके पास कोई कानूनी आधार हों, लेकिन नारी के विरूद्ध उनकी अहंभरी संवेदनहीनता का परिचय इससे जरूर मिलता है। अजय राय के दोनों पिछड़े वर्ग के प्रस्तावकों में मैं एक महिला हूं, लेकिन मोदी जी ने आंधी आबादी से कोई भी प्रस्तावक गैरजरूरी समझा। अतः नामांकन की तरह बसें लगाकर कई जिलों से वह एक महिला समूह भले जुटा लें, पर नारी वंदन के उनके भरमाने वाले झांसे में इस बार महिला समाज फंसने वाला नहीं है।