भारी मात्रा मे एटीएमकार्ड सिमकार्ड नकदी व अन्य सामाग्री बरामद
वाराणसी: वादिनी मुकदमा संभावना त्रिपाठी निवासी अस्सीघाट वाराणसी द्वारा दिनाक 18.12.2023 को साइबर क्राइम थाना कमि० वाराणसी पर इस आषय से प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया कि उनके साथ साइबर अपराधियों द्वारा कार बुकिंग का टास्क पूरा करने के नाम पर विभिन्न टेलीग्राम ग्रुपों तथा वेबसाइट के माध्यम से अपने झांसे मे लेकर कुल 39,15,816- रूपये की साइबर ठगी कर ली गयी है जिसपर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 30/2023 धारा 420 भादवि व 66 आई०टी० एक्ट पंजीकृत किया गया जिसकी विवेचना प्रचलित है।
उक्त प्रकरण के दृष्टिगत पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल व पुलिस उपायुक्त अपराध चन्द्रकान्त मीना द्वारा के निर्देशन मे तथा अपर पुलिस उपायुक्त सरवणन टी एवं सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार के नेतृत्व मे उक्त प्रकरण में संलिप्त साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी व बरामदगी हेतु एक टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा मुकदमा उपरोक्त की घटना में प्रयुक्त वेबसाइट टेलीग्राम खातों मोबाइल नम्बरों तथा बैंक खातों के गहन विष्लेषण तथा इलेक्ट्रानिक सर्विलांस व डिजिटल फुटप्रिंट आदि के आधार पर इन्दौर मध्य प्रदेश से उक्त गैंग के सरगना सहित 07 अन्तर्राज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से भारी मात्रा मे एटीएम चेकबुक पासबुक इन्टरनेट बैंकिग स्लिप फर्जी कूटरचित आधारकार्ड पैनकार्ड सिमकार्ड तथा नकदी बरामद की गयी है।
अभियुक्तगण द्वारा ब्राण्डेड कम्पनियों के ओरिजिनल बेवसाइट से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बनायी जाती है उसके बाद बल्क एस०एम०एस० फीचर का प्रयोंग करते हुए एक साथ हजारो लोगो को पार्ट टाइम जाब इनवेस्टमेट आदि मे अच्छा लाभ कमाने का प्रलोभन दिया जाता है जब कोई व्यक्ति इनके झांसे में आता है तो यह उसको छोटी छोटी धनराशि उसके खातों मे क्रेडिट कर बड़ा धन कमाने का लालच दे देते है इसके बाद यह लोग लोगो को इनके बनाये गये वेबसाइट तथा टेलीग्राम ग्रुप मे जोडते है जहा पर इनके ही सिन्डीकेट्स के द्वारा बडी धनराशि का स्क्रीनशाट भेजा जाता है जिससे लोग लालच मे आकर पूर्णतः इनके झांसे में आ जाते है इसके बाद इनके द्वारा इन्वेस्टमेंट से सम्बन्धित तमाम प्लान बताते हुए तथाकथित कम्पनी के बैंक खातों मे पैसे डलवा लिए जाते है। यह पैसा उस कम्पनी के फर्जी बेबसाइट पर यूजर के एकाउन्ट मे दिखता है तथा इनवेस्टमेंट का लाभ भी दुगुना तिगुना दिखता है जिससे लोग और भी विश्वास में आकर बडी रकम इन्वेस्ट करते जाते है बाद मे जब लोग अपना पैसा निकालना चाहते है तो पैसा निकलता ही नही है क्योंकि यह पैसा साइबर अपराधियों द्वारा लोगो का अपने झांसे मे लेने के लिए फ्लैश एमाउन्ट दिखाया जाता है जोकि वास्तव मे होता ही नही है। उक्त सारा कृत्य इन साइबर अपराधियों द्वारा वर्चुअल मशीन के माध्यम से विदेशो के आई०पी० एड्रेस जैसे चाइना सिंगापुर थाईलैण्ड कम्बोडिया व दुबई आदि द्वारा किया जाता है जिससे इनकी पहचान छुपी रहे और पुलिस की पहुँच से दूर रहे। इस प्रकार प्राप्त सभी पैसों को इनके द्वारा ए०पी०आई०कार्पोरेट बैंकिग में बल्क ट्रान्सफर के माध्यम से सेकेण्ड के अन्दर ही फर्जी गेंमिग एप के हजारो यूजरो के बैंक खातों व अपने अन्य सिन्डीकेट के खातो मे भेज दिया जाता है तथा विभिन्न माध्यमों से निकलवा लिया जाता है।