दायित्वबोध को प्राथमिकता दें विद्यार्थीः प्रो० डी. एस. चौहान
बी०बी०ए० के 28वे बैच के लिये आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में दिखा नवप्रवेशियों का उत्साह
वाराणसी: स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज में संचालित बी०बी०ए० पाठ्यक्रम के 28वें बैच के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में नवप्रवेशी विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो० डी एस चैहान, पूर्व कुलपति, डाॅ0 अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय ने कहा कि ज्ञान एवं अनुशासन एक दूसरे के पूरक हैं। विद्यार्थियों से जीवन में मूल्यपरक दृष्टिकोण व अनुशासन को अपनाने का आह्वान करते हुए प्रो० चौहान ने कहा कि जीवन में वरीयता का बोध होना बेहद आवश्यक है। वरीयता के बोध से ही व्यक्ति किसी भी प्रकार के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज इस तकनीकी युग में विद्यार्थियों के लिए जरूरी है कि वे दायित्वबोध को प्राथमिकता दें। वास्तव में इसी दृष्टिकोण में समाज हित व स्वहित समाहित है। उन्होनें विद्यार्थियों से आहवान् किया कि अपनी जड़ों के साथ जुड़ाव हमेशा कायम रखें, इसी में सफलता निहित व सुनिश्चित है। प्रो० चौहान ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को सफल होने के टिप्स भी दिए जिसमें ऑनलाइन साधन खोजने की अपेक्षा लाइब्रेरी का रोजाना उपयोग करना, नियमित स्वाध्याय करना और प्राप्त ज्ञान का विश्लेषण करना शामिल है।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भारती एयरटेल की टैलेंट प्रबन्धन एवं विकास प्रमुख सुश्री जयप्रिया मिश्रा, बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहीं। उन्होने नव प्रवेशित विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि शिक्षा सही मायनों में तभी सफल मानी जाएगी जब वह समाजोपयोगी हो। मिश्रा ने विद्यार्थियों से कोर्स के अलावा अन्य जानकारी व लाभप्रद ज्ञान प्राप्त करने की अपील भी की। मिश्रा ने जीवन में उद्देश्यपरकता का महत्व समझाते हुए कहा कि उद्देश्य से ही ज्ञान सार्थक व हितकारी होता है। नवप्रवेशी विद्यार्थियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए जयप्रिया मिश्रा ने बताया कि प्रक्रियाओं या प्रौद्योगिकियों के परिवर्तन से निपटने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। परिवर्तन को नियंत्रित करने और लोगों को परिवर्तन के अनुकूल बनाने में मदद करने के लिए योजना का न केवल विकास बल्कि इसे लागू करने के लिए नवाचारों का प्रयोग करना भी जरूरी है।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत करते हुए एस०एम०एस० वाराणसी के निदेशक प्रो० पी० एन० झा ने कहा कि संस्थान को प्रबंधन के क्षेत्र में दक्षता प्राप्त है। यहां नियमित होने वाली पढ़ाई के साथ साथ अन्य शैक्षणिक व व्यक्तित्व विकास से संबंधित होने वाली गतिविधियों से विद्यार्थियों को बहुत लाभ मिलता है। नवप्रवेशियों को प्रोत्साहित करते हुए प्रो० झा ने कहा कि आपको पेशेवर बनाने के लिए संस्थान समर्पित है। उन्होंने बताया कि एस०एम०एस० की लाइब्रेरी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और यहां समय समय पर आयोजित होने वाली गतिविधियों में सहभागिता करके विद्यार्थी खुद को आज की इंडस्ट्री के मांग के अनुरूप तैयार कर सकते हैं। प्रो० झा ने समझाया कि आज वैश्विक स्तर पर शिक्षा, प्रबंधन व तकनीकी सहित तमाम क्षेत्रों में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, इन बदलावों को समझना व इनके अनुरूप खुद को ढालना समय की मांग है।
उदघाटन सत्र में एस०एम०एस० की प्रस्तावना हिमांशु उपाध्याय, असिस्टेंट प्रोफेसर ने प्रस्तुत की। बी०बी०ए० पाठ्यक्रम समन्वयक विरेश त्रिपाठी ने पाठ्यक्रम एवं विभिन्न गतिविधियों के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन प्रो0 पल्लवी पाठक व धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 अमिताभ पाण्डेय ने दिया। इस अवसर पर एस०एम०एस० वाराणसी के अधिशासी सचिव डॉ० एम० पी० सिंह, निदेशक प्रो० पी० एन० झा, कुलसचिव संजय गुप्ता, बी०बी०ए० कोर्स को-कोेऑर्डिनेटर हिमांशु उपाध्याय एवं डॉ० खुशबु कुमार सहित समस्त शिक्षकगण व कर्मचारी उपस्थित रहे।