महिलाओं की सुरक्षा हर व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी– पीयूष गोर्डिया
वाराणसी। महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव या अनुचित व्यवहार एक सामाजिक बुराई है। महिला सुरक्षा एवं उससे जुड़े अपराध के मुद्दों पर समाज को संज्ञानित एवं जागरूक करना हमारा सामूहिक दायित्व है। अपराध अपराधी के मानसिकता में होती है, वेशभूषा में नहीं। हमें इसी आपराधिक मानसिकता को ठीक करने की जरूरत है। उक्त बातें काशी विद्यापीठ के यौन उत्पीड़न प्रतिषेध समिति की ओर से आयोजित “महिला सुरक्षा एवं साइबर अपराध” विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा और साइबर अपराध एक संवेदनशील मुद्दा है, जिस पर महिलाओं को हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है। जरूर इस बात की भी है कि हमें ऐसी स्थितियों में बिना शर्म एवं संकोच पिंक बूथ पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए l
बतौर मुख्य अतिथि वाराणसी जोन के पुलिस महानिदेशक पीयूष गोर्डिया ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने हिसाब से जीवन जीने का अधिकार है, इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि वह व्यक्ति दूसरों के जीवन में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करें, किसी की भावना को ठेस पहुंचाए, उसे अपने सीमा में रहकर ही काम करने की जरूरत है, तभी व्यक्ति और समाज दोनों का कल्याण हो सकता है। वर्तमान समय में महिलाओं को अपने अधिकारों के विषय में समझने की आवश्यकता है। जब तक महिलाएं आत्मनिर्भर एवं जागरूक नहीं होंगी, तब तक उनके ऊपर अत्याचार होना लाजमी है। महिलाओं के हक की लड़ाई हर व्यक्ति को लड़ना है। महिलाओं की सुरक्षा समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है। यह जिम्मेदारी केवल महिलाओं की नहीं है, यह समाज के हर व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह महिलाओं के साथ हर स्तर पर खड़ा रहे।
उन्होंने सभी लोगों से महिला सुरक्षा एवं साइबर अपराध से जुड़े महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से बेझिझक अपनी समस्याओं को लेकर शिकायत दर्ज करने की अपील की। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा एवं साइबर अपराध जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सभी को आगे आने की आवश्यकता पर बल दिया, साथ ही आपने महिलाओं एवं छात्राओं से किसी भी तरह से ना डरने की वकालत की। कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडे ने भी महिला सुरक्षा और साइबर अपराध विषय पर अपने विचार प्रकट किया। स्वागत भाषण महिला यौन उत्पीड़न प्रतिषेध समिति की समन्वयक प्रो. अमिता सिंह ने किया। उन्होंने महिलाओं के सुरक्षा एवं साइबर अपराध से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत व्याख्यान दिया तथा विशाखा गाइडलाइन के अंतर्गत महिलाओं से जुड़े अपराधों की चर्चा की।
संचालन महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के निदेशक एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. नागेन्द्र कुमार सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीरज धनखड़ ने किया। इस अवसर पर प्रो. मोहम्मद आरिफ, डॉ.अमरीश राय, डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. रोली सिंह, डॉ. अंजना वर्मा, डॉ. प्रीति शारदा, डॉ. अमरेंद्र सिंह, डॉ. रमेश, डॉ. राधेश्याम राय, मोहम्मद जावेद, राहुल, ज्योति, ज्योत्सना, नीरज, प्रगति, नीलम, मानसी, मानस, प्रफुल्ल, शिवम तिवारी, गौरव आदि उपस्थित रहे।

