सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, साफ-सफाई रखें, झोलछाप डॉक्टर से बचें – डॉ मंजुला सिंह
चिरईगांव के उमराहां गाँव में पहुँचकर विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का किया निरीक्षण
आयुष्मान आरोग्य मंदिर उमराहां एवं मोबाइल हेल्थ वैन का भी किया अवलोकन
वाराणसी। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल की अपर निदेशक डॉ मंजुला सिंह ने मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरईगांव के अंतर्गत उमराहां गाँव में पहुँचकर विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गाँव के प्रधान ऊदल पटेल व सचिव आशुतोष की उपस्थिती में वहाँ के निवासी नगीना, समीउल्ला, साहिम, राजेश, सुनीता व अन्य लोगों से जल निकासी, साफ-सफाई, एंटी लार्वा छिड़काव, फोगिंग, ब्लीचिंग आदि के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर उमराहां एवं मोबाइल हेल्थ वैन से प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अवलोकन किया।
अपर निदेशक डॉ मंजुला सिंह ने कहा कि संचारी व मच्छर जनित रोगों की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही बुधवार (10 अप्रैल) से विशेष अभियान के अंतर्गत स्रोत विनष्टीकरण, बुखार, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) लक्षण सहित टीबी, कुष्ठ आदि संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित करने के लिए घर-घर दस्तक अभियान की शुरुआत की जा रही है।
अपर निदेशक ने अपील की है कि संचारी व मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए पूरे वर्ष अभियान चलना चाहिए। सभी अपने घरों के आसपास साफ – सफाई रखें, झाड़ियां न उगने दें, जलजमाव न की स्थिति पैदा होने दें, रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा रोधी रसायन डालें, कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, कोई भी बुखार का लक्षण दिखे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच एवं इलाज़ कराएं। झोलाछाप डॉक्टर से बचें। बाहर के दूषित भोजन पानी का सेवन न करें। उन्होंने ‘हर रविवार मच्छर पर वार, खत्म करेंगे डेंगू, मलेरिया, बुखार’ का संदेश दिया।
इस दौरान अपर निदेशक ने चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्यकर्मियों एवं आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि डेंगू आधारित गतिविधियों ज़ोर दिया जाए। कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान दिया जाए। चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को लगातार ट्रैक किया जाए। नगर निगम तथा पंचायत राज विभाग से समन्वय स्थापित कर संचारी व मच्छर जनित बीमारियों की निरोधात्मक कार्यवाई पर और गहन कार्य योजना बनाई जाए। इन बीमारियों को लेकर निगरानी बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाए। डेंगू व मलेरिया के साथ अन्य वेक्टर जनित रोगों जैसे चिकनगुनिया, फाइलेरिया, कालाजार आदि लक्षण वाले व्यक्तियों की भी जांच जाए। इसके अलावा जनमानस में इन रोगों से बचाव के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार आदि पर ज्यादा से ज्यादा ज़ोर दिया जाए।
इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित कुमार सिंह, अपर शोधाधिकारी, मंडलीय एंटोमोलोजिस्ट व बायोलोजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
‘रहें सतर्क, करें बचाव’ – सभी अपने घर व आस पास साफ सफाई रखें, जल जमाव न होने दें, कूलर, फ्रिज की ट्रे का पानी सप्ताह में बदलते रहें। जल पात्रों जैसे गमला, मटका, टब, बाल्टी, ड्रम, टंकी, टायर आदि में भी पानी न एकत्र होने दें। अनावश्यक जलपात्रों को निष्प्रयोज्य कर दें। रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा नाशक रसायन डालें, मच्छर दानी का प्रयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। खुले बदन न सोएं। कोई भी बुखार घातक हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर तुरंत जांच कराएं व डॉक्टर की सलाह पर ही अपना इलाज कराएं। अधिक से अधिक तरल पदार्थों, शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। पूरी तरह आराम करें। ओ0आर0एस0 घोल का प्रयोग करें। बाहर के खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। कुछ भी खाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोएं।