वाराणसी: धरोहर संरक्षण सेवा संगठन का स्थापना दिवस सनातन विस्तार संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। आज के शुभ अवसर पर संगठन के द्वारा वाराणसी आयुक्त आडिटोरियम में धरोहर संरक्षण सेवा का का स्थापना दिवस एक समारोह के रूप में मनाया गया। जिस कार्यक्रम की अध्यक्षता जगजीतन पाण्डेय के द्वारा हुआ मुख्य वक्ता के रूप में कैलाश मठ के महन्त महा मण्डलेश्वर स्वामी आशुतोषा नन्द का उद्बोधन मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अशोक तिवारी महापौर ने कहा कि विश्व का कल्याण अगर किसी में करने की ताकत है तो वो सिर्फ सनातन धर्म में है।संस्था के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने कहा कि कोई लालच के बल पर अपनी दुकान चला रहा है तो कोई पंथ तलवार के बल पर जेहाद कर रहा है और नाना प्रकार के जेहाद अब समाज के सामने आ रहा है जो समाज और मानवता के लिए बहुत ही हानिकारक है एक सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जो सर्वे भवन्तु सुखिनः की कल्पना करता है जो विश्व के कल्याण की बात करता है। सभी सुखी हो की सबका कल्याण हो की भावना को स्थापित करने के लिए पुरी दुनिया में सनातन का विस्तार होना जरूरी है सनातन के विस्तार के लिए शास्त्र के छाँव में ही शास्त्र का अनुसंधान होना सम्भव है बिना शस्त्र के शास्त्र की सुरक्षा नही हो पायेगा आज हम सभी को संकलित होना होगा हम हर सनातनी सैनिक बनेंगे तभी सनातन विस्तार का संकल्प साकार होगा तभी हमारे ऋषियों की कल्पना सारार होगी तभी सर्वे भवन्तु सुखिनः की कल्पना साकार होगा तभी स्वामी करपात्री जी का विश्व का कल्याण हो कि परिकल्पना साकार हो पायेगा।
वक्ताओं में प्रमुख रूप से डॉ० अरविन्द पाण्डेय सुशील दूबे प्यारे सोनकर ने उद्द्बोधन दिया सभी ने एक सुर से सनातन विस्तार के संकल्प पर बहुत जोर दिया कार्यक्रम में संगीत के माध्यम से लोगो को जागरूक किया गया जिसमें गायक गौरव पाण्डेय अरविन्द तिवारी व गायिका श्रुति उपाध्याय ने अपनी प्रस्तुति दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अजीत पाण्डेय रितेश मिश्र सतीश पाण्डेय राजू राम राहुल पाण्डेय रमाकान्त पाण्डेय पवन सिंह रितुराज त्रिपाठी अतुल त्रिपाठी विनय सिंह विधायक अभय चौबे सोनू गुप्ता अमन त्रिपाठी रामानन्द पाण्डेय सहित बहुत संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन राज मंगल पाण्डेय ने दिया। संचालन गौरव मिश्र ने किया। कार्यक्रम का समापन सामुहिक रूप से हनुमान चालिसा पाठ के साथ हुआ।
एक सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जो सर्वे भवन्तु सुखिनः की कल्पना करता है-कृष्णा नन्द पाण्डेय
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