वाराणसी: भारत में लोग सड़कों के दोनों तरफ बने पैदल मार्ग या फुटपाथ (साइडवाक्स) की बात तक नहीं करते। यहां कोई इसे समस्या तक नहीं मानता। मिर्जापुर के शास्त्री ब्रिज पर तो पैदल चलने वाले का तो जैसे कोई अस्तित्व ही नहीं है। भारी वाहनों, कारों और दोपहिया की रेलमपेल में पदयात्री की कोई पूछ परख नहीं है। कई दुपहिया तो साइडवॉक्स पर भी चढ़ जाते हैं। पैदल यात्रियों के लिए शास्त्री ब्रिज पार करना किसी बड़े साहसिक कार्य (एडवेंचर) से कम नहीं है। जबकि पैदल यात्री को पूरी योजना के केंद्र में होना चाहिए। स्थानीय निवासियों और स्वयं सेवी संगठनों का मानना है कि शास्त्री ब्रिज के आसपास पैदल चलने वालों के लिए उचित मार्ग और बुनियादी ढांचे के निर्माण की तत्काल जरूरत है। पैदल यात्रियों को संभावित दुर्घटनाओं से बचाकर सुरक्षित यात्रा का मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए। प्रशासन को इस बारे में तत्काल ध्यान देना चाहिए। इस पुल पर पैदल यात्रियों का भी हक है, यह मानकर समस्या की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि वाहन यदि एनएच 2 (यानी एनएच 19) का रास्ता अख्तियार कर लें तो शास्त्री ब्रिज पर पैदल यात्रियों के लिए एक मार्ग बनाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि शास्त्री ब्रिज पूरे इलाके में संपर्क की महत्वपूर्ण कड़ी है। वाराणसी के लिए इसका बहुत महत्व है। पिछले पचास साल में शास्त्री ब्रिज ने काफी उतार चढ़ाव देखे हैं। कई मौसम और बाढ़ों को झेला है। उसकी वजह से समय-समय पर शास्त्री ब्रिज की मरम्मत भी करानी पड़ी है। इन पचास सालों में शास्त्री ब्रिज पर वाहनों की आवाजाही भी कई गुना हो गई है। ओवरलोडेड वाहनों की संख्या भी इस पर काफी बढ़ गई है। अब इसका खामियाजा पैदल यात्रियों को उठाना पड़ रहा है। पुल के दोनों तरफ पैदल चलने वालों के लिए कोई सुरक्षित पैसेज ही नहीं रह गया है। दोपहिया वाहन वालों ने साइडवाक्स की जगह पर भी कब्जा जमा रखा है। जब भी पुल पर जाम लगता है, दोपहिया वाहन साइडवाक्स पर चलने लगते हैं। नतीजा यह हो रहा है कि पैदल यात्रियों के लिए पुल पर कोई जगह नहीं बची है। वाहन चालक अक्सर गडढों के कारण साइड्स बदलते रहते हैं और लेन का पालन नहीं करते। यह भी पैदल यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। कई पैदल यात्री अब तक दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है, ”शास्त्री ब्रिज पर बढ़ती हुई वाहनों की भीड़ और पैदल यात्रियों को खतरे देखते हुए अब यह जरूरी हो गया है कि पैदल यात्रियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास किया जाए। इस पर सरकार और प्रशासन को तत्काल गौर करना चाहिए और समस्या का समाधान करना चाहिए। कई बार तो लगता है कि जैसे पैदल यात्रियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। यह गंभीर मसला है, क्योंकि अब तक कई पैदल यात्री दुर्घटना का शिकार बन चुके हैं। अभी जो लोग पैदल चलते हैं, उनकी जान भी जोखिम में रहती है।”
सरकार ने एक सिक्सलेन मार्ग बनाने की घोषणा कर दी है और दूसरी तरफ एनएच 2 (यानी एनएच 19) भी चालू कर दिया गया है, लेकिन अब तक वाहनों ने उस रास्ते के बजाय शास्त्री ब्रिज से यातायात गुजारना जारी रखा है। सरकार के इस कदम के कारण शास्त्री ब्रिज पर किसी दिन बड़ी दुर्घटना का खतरा तो मंडरा ही रहा
है, साथ ही पैदल चलने वाले यात्रियों की जान भी आए दिन जोखिम में रहती है। एक जन प्रतिनिधि का कहना है कि प्रशासन को तत्काल इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह जनता से जुड़ा मसला है। यदि शास्त्री ब्रिज पर यातायात को नियंत्रित करके पैदल यात्रियों के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई तो यह विषय विधानसभा के सामने भी लाया जाएगा।
एक जिम्मेदार अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ”वाहन चालकों को एनएच 2 (जो पहले एनएच 19 था) की तरफ जाना चाहिए, इससे शास्त्री ब्रिज पर से वाहनों का भार कम होगा। उसका फायदा पैदल चलने वालों को भी होगा। प्रशासन पैदल यात्रियों के प्रति संवेदनशील है और दिशा में जल्दी ही उचित कदम उठाए जाएंगे।”