वाराणसी। अपर प्रधान न्यायाधीश/ परिवार न्यायालय (प्रथम) अंकिता दुबे की अदालत ने पति पत्नी के विवाह को वादी सर्वेश सिहं एवं प्रतिवादिनी सुधा सिंह के मध्य विवाह को विचछेदित मानते हुए अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से से वादी पति सर्वेश सिंह का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा ने पक्ष रखा।
अधिवक्ता संजीव वर्मा के मुताबिक़ ग्राम तरावं, पोस्ट दानगंज, थाना चोलापुर निवासी वादी सर्वेश सिंह का विवाह मयूर बिहार कालोनी, फूलवरियां, थाना कैंट निवासिनी सुधा सिंह के साथ 19 फ़रवरी 2019 को बिना किसी दान दहेज के सम्पन्न हुआ था। प्रतिवादिनी काफी स्वच्छन्द और बददिमाग़ स्त्री हैं, जिसने शादी के प्रथम दिन से हीं किन्हीं अपरिहार्य कारणो से विपक्षिणी ने प्रार्थी के साथ अपने पत्नी धर्म का पालन करने से इन्कार करते हुए वादी से सहवास करने से इन्कार कर दिया, जिससे उसको काफी मानसिक पीड़ा हुई। वादी अपनी बूढ़ी माँ के साथ रहता है। प्रतिवादिनी उसकी माँ को गाली-गुप्ता देकर उसकी जमीन जायदाद बेचकर मॉ को छोड़कर अपने साथ मायके चलने के लिए दबाव बनाने लगी। प्रतिवादिनी सुबह 7 बजे हीं घर से निकल जाया करती थी और देर रात तक आती थी, कारण पूछने पर गाली-गुप्ता व मार-पीट व मारपीट यातनाओं का शिकार होना पड़ता था। वादी को यह भी धमकी देती थी कि बिना उसकी सहमति के छुआ तो यह वादी के विरूद्ध बलात्कार का मुकदमा लिखवा देगी तथा प्रतिवादिनी 13 अप्रैल 2019 को 100 नम्बर पर फोन करके पुलिस बुला कर वादी पर जबरदस्ती सहवास करने का दबाव बनाने का आरोप लगाने लगी। वादी को शारीरिक सम्बन्ध बनाने से वंचित रख कर उसके साथ मानसिक व शारीरिक क्रूरता की गयी हैं। 10 मई 2019 को प्रतिवादिनी अपने भाई को बुलाकर अपने सारे कीमती सामान, जेवर आदि लेकर जेल भेजने की धमकी देते हुए चली गयी। इस घटना के बाबत थाना चोलापुर पर प्रार्थना पत्र दिया गया। अतः उपरोक्त के आधार पर विवाह-विच्छेद की याचना किया है। प्रतिवादिनी द्वारा 17क प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया जिसमें वादी के साथ विवाह होना स्वीकार किया हैं। अतिरिक्त कथन में कहा है कि वह वादी के साथ दाम्पत्य जीवन का निर्वाह करती रही तथा गर्भ धारण किया तथा शादी पूर्णता को प्राप्त हुआ। शादी बिना दान दहेज के हुआ यह बिल्कुल असत्य हैं बल्कि प्रतिवादिनी के पिता ने पाँच लाख रुपये तय तिलक की राशि में से साढे तीन लाख रुपये नगद वादी की माँ के दवा इलाज के वक्त दिया और डेढ़ लाख रूपये नगद व लगभग दो लाख रूपये के कपड़े आदि में व्यय हुआ था। शादी में कुल रूपये 14,00,000/- खर्च हुआ। शादी के बाद विदा होकर ससुराल गई और लगभग दो दिन ससुराल में रहीं इस दौरान शादी पूर्णता को प्राप्त हुआ और तीसरे दिन वादी व उसकी माँ की सहमति से विदा होकर मायके आ गई। पुनः 8 अप्रैल 2019 को विदा होकर ससुराल गई और दाम्पत्य जीवन का बखूबी निर्वहन करने लगी। वादी प्रतिवादिनी के गर्भ धारण में हीं 12 अप्रैल 2019 को सम्बन्ध बनाया, जिससे उसका गर्भपात हो गया और उसी दशा में सम्बन्ध बनाने हेतु बल प्रयोग करने लगा। उसकी बहन ने 100 नम्बर पर फोन कर पुलिस को सूचना देने की सलाह दिया। वादी द्वारा 16 अप्रैल 2019 को रक्तश्राव की दशा में जबरदस्ती करने पर प्रतिवादिनी ने मना किया, जिस पर वादी कई थप्पड़ मारा जिसके पश्चात् उसने 100 नम्बर पर सूचना दी। वादी व उसकी माँ की सहमति पर ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल धरसौना में शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया। वादी की बहन ज्योति सिंह अपने पति के साथ मायके में हीं रहती है। ज्योति सिंह का पति अर्थात् उसका नन्दोई शरद सिंह का आचरण प्रतिवादिनी के प्रति अच्छा नहीं रहा व वह आपत्तिजनक रूप से उसे स्पर्श करता था। दिनांक 10.05.2019 को वादी की माँ की सहमति से उसका भाई विदाई कराने गया, जिसके साथ वह मात्र पहने हुए कपड़े के साथ आयी। पुलिस द्वारा 16 अप्रैल 2019 को कहे के अनुसार मागने पर लिखित सूचना थाना चोलापुर में देकर मायके चली आयी। उक्त के आधार पर विवाह विच्छेद वाद को निरस्त करने का कथन किया है।