वाराणसी रात ईशा की नमाज के बाद ब-वक्त सुबहे बहारां नबी सल्ललल्लाहो अलैहे वसल्लम की वेलदात (पैदाइश) के समय उलामा-ए- केराम व मशाइखे एज़ाम व अमाइदीने शहर (गणमान्य) लोगों की मौजूदगी में शाही मस्जिद बादशाह बाग बनारस में, हजरत अल्लामा मुफ़्ती नूर अहमद साहब सज्जादा नशीन खानकाहे आलिया शहीद शाह इलाहाबाद हज़रते मुफ्ती अंजुम रजा नूरी सदर पूर्वांचल रुडयते हिलाल कमेटी हज़रते अल्लामा अब्दुल मोईद रज़ा कादरी बरकाती हजरते मौलाना सद्दाम हुसैन साहब हज़रत अल्लामा वसीम साहब अजहरी खतीब व इमाम मस्जिद खुदा दाद खां हजरत मौलाना मोहम्मद अमजद खान रिज़वी हजरत मौलाना हमज़ा शैदा इस्माईली हज़रते मौलाना गुलाम सरवर साहब रिज़वी के मौजूदगी में सदर काज़ी-ए- शहर बनारस मौलाना हसीन अहमद हबीबी को मुकर्रर किया गया और तीन उलमाए ए-केराम को नाइब जिनके नाम का एलान जल्द ही कर दिया जाएगा महफिले शबे नूर शाही जामा मस्जिद बादशाह बाग में बेलवाते कुरान कारी गुलाम सरवर साहब ने किया और सदारात मुफ्ती अब्दुल मोईद रज़ा कादरी नूरी और नेजमात अब्दुर्रहमान हनफ़ी ने किया महफिले शबे नूर का एखतेमाम (समापन) फ़ज़र की नमाज़ से पहले सलातो सलाम के बाद मुफ्ती साहब किबला की दुआ पर हुआ दुआ के बाद लंगरे मोहम्मदी तकसीम किया गया
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