भाजपा और सपा के वोट बैंक पर मायावती की नजर,बनाई खास रणनीति
अगर सफल रहा प्लान तो कांग्रेस की भी बढ़ेगी मुश्किलें
लखनऊ। कभी उत्तर प्रदेश की सियासत की मजबूत धुरी रही बहुजन समाज पार्टी आज हाशिये की नोक पर है।यूपी की सत्ता से बसपा 13 साल से दूर है।सियासी आधार भी चुनाव दर चुनाव खिसकता जा रहा है।
यही कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के खोये जनाधार को फिर से हासिल करने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही हैं।इसी क्रम में मायावती दलितों के साथ पिछड़ों को जोड़कर नए समीकरण तैयार करने में लगी हैं।
आज मंगलवार को राजधानी लखनऊ में मायावती ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की विशेष बैठक बुलायी थी।मायावती ने आज भाईचारा कमेटी का ऐलान किया है।
बता दें कि यूपी में साल 2027 में विधानसभा चुनाव होगा। विधानसभा चुनाव होने लगभग दो साल का समय बचा है।ऐसे में अब मायावती ने बड़ा दांव चला है। मायावती अब दलितों के साथ ओबीसी को भी पार्टी से जोड़ेंगी।