वाराणसी: वाराणसी कैंट जीआरपी और आरपीएफ की टीम को एक बड़ी सफलता मिली है, जब उन्होंने रमजान और नवरात्रि के दौरान चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत ताप्ती गंगा एक्सप्रेस से 10 किलो चरस बरामद की। यह कार्रवाई रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 पर खड़ी छपरा से सूरत जाने वाली ताप्ती गंगा एक्सप्रेस में की गई।
मामला:
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह चरस स्लीपर बोगी संख्या S5 के सीट नंबर 20 के पास पाई गई। चेकिंग के दौरान टीम ने पाया कि यह लावारिस बैग एक सीट के पास रखा हुआ था, और जब बैग खोला गया तो उसमें 10 किलो चरस बरामद हुई। चरस का अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित मूल्य लगभग 5 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। यह चरस एक बड़े मादक पदार्थ तस्करी के रैकेट से जुड़ी हो सकती है, और पुलिस ने अब इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
घटना का समय और प्रक्रिया:
घटना रात करीब 8:30 बजे के आसपास हुई। जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने पूरी सतर्कता और तत्परता के साथ चेकिंग अभियान चलाया था, जिसके परिणामस्वरूप यह बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस को इस दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा, जो मौके पर भागने में सफल हो गया। हालांकि, पुलिस अब उस व्यक्ति की तलाश कर रही है और उसे पकड़ने के लिए कई टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।
टीम की मेहनत और तत्परता:
वाराणसी कैंट जीआरपी प्रभारी हेमंत सिंह और आरपीएफ प्रभारी संदीप कुमार की अगुवाई में यह अभियान चलाया गया था। दोनों अधिकारियों के नेतृत्व में टीम ने बड़ी कुशलता से इस तस्करी को नाकाम किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह सफलता उनके निरंतर प्रयासों और सतर्कता का नतीजा है, और ऐसे अभियान रेलवे स्टेशन के सुरक्षा माहौल को मजबूत करने के उद्देश्य से लगातार जारी रखे जाएंगे।
विशेष अभियान का उद्देश्य:
रमजान और नवरात्रि के मद्देनजर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अपराधों को नियंत्रित किया जा सके। रेलवे परिसर में अवैध गतिविधियों, मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य आपराधिक तत्वों को रोकने के लिए यह अभियान चलाए जा रहे हैं। इस सफलता से न केवल मादक पदार्थ तस्करी की एक बड़ी साजिश को विफल किया गया, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा में भी एक नया अध्याय जुड़ा है।
आगे की कार्रवाई:
पुलिस अब मामले की छानबीन कर रही है, और आरोपियों की पहचान के लिए सुराग जुटाए जा रहे हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि यह तस्करी एक संगठित गिरोह द्वारा की गई थी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त हो सकता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
निष्कर्ष:
वाराणसी कैंट जीआरपी और आरपीएफ की टीम की यह बड़ी सफलता इस बात का प्रमाण है कि रेलवे सुरक्षा बल ने मादक पदार्थों के खिलाफ अपनी मुहिम को गंभीरता से लिया है। इस कार्रवाई ने न केवल तस्करी की एक बड़ी साजिश को नाकाम किया, बल्कि रेलवे परिसर में सुरक्षा और सार्वजनिक विश्वास को भी बढ़ाया है। पुलिस इस तरह की चेकिंग और निगरानी अभियान को आगे भी जारी रखने का वादा कर रही है, ताकि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों को अपराध मुक्त बनाया जा सके।

