हर शनिवार और बुधवार को आयोजित होता है नियमित टीकाकरण सत्र
गंभीर व जानलेवा बीमारियों से नवजात शिशुओं व बच्चों को बचाता है टीकाकरण
‘पाँच साल – सात बार’ संदेश पर दिया जा रहा ज़ोर, ग्यारह बीमारियों से होगा बचाव
वाराणसी। जनपद में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नियमित टीकाकरण का कार्य सप्ताह के हर शनिवार और बुधवार को किया जा रहा है। इसके तहत नवजात शिशुओं और बच्चों को गंभीर व जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए 11 प्रकार के टीके लगाए जा रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि पूरे जनपद खासकर शहरी क्षेत्र की घनी बस्तियों में टीकाकरण पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है। बच्चों के टीकाकरण के प्रति उदासीन और इन्कार करने वाले परिवारों का व्यवहार परिवर्तन कर उनका टीकाकरण किया जा रहा है। सीएमओ ने परिजनों से अपील की है कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत अपने बच्चे का समय पर टीकाकरण जरूर कराएं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्य ने कहा कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया से बचाव के लिए टीडी के दो टीके लगाया जा रहा है। इसके साथ ही जन्म से पाँच वर्ष तक के बच्चों को 11 तरह की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए डीपीटी, पोलियो, बीसीजी, पीसीवी सहित विभिन्न महत्वपूर्ण टीके लगाए जा रहे हैं। जन्म से एक वर्ष के शिशुओं का पूर्णतः प्रतिरक्षित होने से उन्हें जीवन भर गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। समय पर बच्चों को सभी टीकों से प्रतिरक्षित कर शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है।
इन बीमारियों से बचाता है टीका – डॉ एके मौर्य ने बताया कि 12 जानलेवा बीमारियों जैसे टीबी, पोलियो, डायरिया, पीलिया, निमोनिया, खसरा, काली खांसी, गलघोंटू, टिटनेस हीमोफीलिया इंफ्लुएंज़ा और रतौंधी से बचाने के लिए बच्चों को जन्म से लेकर पाँच साल तक उम्र के अनुसार सात बार टीका लगाया जाता है। इसके अलावा 10 व 16 साल में टिटनेस डिप्थीरिया (टीडी) का टीका और गर्भवती को टीडी (दो टीके) का टीका लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि कोई टीका उम्र के अनुसार छूट गया हो तो वह अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल जाकर टीका अवश्य लगवा लें जिससे संक्रमित बीमारियों से बचाव किया जा सके। हर शनिवार और बुधवार को नियमित टीकाकरण सत्र व छाया नगरीय एवं ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस सत्र का आयोजन किया जाता है। टीकाकरण से संबन्धित अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम और आशा कार्यकर्ता से संपर्क किया जा सकता है।
नियमित टीकाकरण तालिका –
- जन्म के समय बीoसीoजीo, ओ०पी०बी०, हेपेटाइटिस बी
- छह सप्ताह पर ओ०पी०बी०1, पेन्टावेलेन्ट 1, एफ-आई०पी०वी० 1, रोटा 1 व पीसीवी 1
- 10 सप्ताह पर – ओ०पी०वी०-2, पेन्टावेलेन्ट-2 एवं रोटा-2
- 14 सप्ताह पर – ओ०पी०वी०-3, पेन्टावेलेन्ट-3, एफ-आई०पी०वी०-2, रोटा-3 एवं पी०सी०वी०-2
- 9 माह से 12 माह तक – एम०आर०-1, पी०सी०वी० बूस्टर एवं विटामिन ए की पहली खुराक
- 16 से 24 माह – एम०आर०2, डी०पी०टी०- बूस्टर प्रथम, बी०ओ०पी०वी०- बूस्टर, एवं विटामिन ए -2
- 5 से 6 वर्ष में डी०पी०टी०-बूस्टर द्वितीय
- 10 वर्ष पर टीडी
- 16 वर्ष पर टीडी